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विश्व बैंक की वार्षिक आम बैठक में जार्जीवा ने कहा- भारत के लोगों को बचाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल पर ज्यादा ध्यान देने की है जरूरत

Nilmani Pal
15 Oct 2020 10:51 AM GMT
विश्व बैंक की वार्षिक आम बैठक में जार्जीवा ने कहा- भारत के लोगों को बचाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल पर ज्यादा ध्यान देने की है जरूरत
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विश्व बैंक की वार्षिक आम बैठक के दौरान बुधवार को एक प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान IMF की प्रबंधन निदेशक किस्टलिना जार्जीवा ने भारत को सुरक्षा और स्वास्थ्य पर दी सलाह
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंधन निदेशक किस्टलिना जार्जीवा ने भारत को सलाह दी है कि भारत की प्राथमिकता सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा करने, उन्हे अच्छी प्रकार सहायता देने और छोटे तथा मझोले उद्योगो की रक्षा करने की होनी चाहिए, ताकि वे एक देश के रूप में उनकी कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में हार न हो. आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक आम बैठक के दौरान बुधवार को एक प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान जार्जीवा ने कहा कि भारत को लोगों को बचाने और उनके स्वास्थ्य की देखभाल करने पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होने कहा कि, ''क्या करने की आवश्यकता है? स्पष्ट है, सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा, अच्छी तरह से लक्ष्यित सहायता, छोटे और मझोले उद्योगों की रक्षा, ताकि उनकी हार न हो.''

कोविड-19 को बताया मानवीय संकट

उन्होंने आगे कहा कि जब तक हमारे पास स्वास्थ्य संकट से निपटने का एक टिकाऊ रास्ता नहीं है, हमें कठिनाइयों, अनिश्चितता और असमान सुधार का सामना करना पड़ेगा. कोविड-19 को एक मानवीय संकट बताते हुए उन्होंने कहा कि खासतौर से जिन देशों में मौत अधिक हुई हैं, वहां ये संकट कहीं ज्यादा गहरा है. उन्होंने आगे कहा कि इस महामारी से भारत में एक लाख लोगों से अधिक की मौत हो चुकी है. जार्जीवा ने कहा, ''इसलिए लोगों को बचाने और उनकी सेहत पर ध्यान देने की प्राथमिकता होनी चाहिए.''


भारत ने क्षमता के अनुसार उपाय किए हैं

उन्होंने कहा, ''भारत ने अपनी क्षमता के अनुसार उपाय भी किए हैं, दो प्रतिशत राजकोषीय उपाय और गारंटी के रूप में चार प्रतिशत राहत, लेकिन प्रत्यक्ष राजकोषीय उपाय नहीं किए गए.'' उन्होंने कहा, ''इससे मदद मिलती है, लेकिन जब आप विकसित अर्थव्यवस्थाओं की क्षमताओं को देखते हैं, या कुछ अन्य उभरते बाजारों के उपायों को देखते हैं, तो यह कुछ हद तक कम नजर आती है.हम इस साल भारत में बेहद आश्चर्यजनक रूप से जीडीपी में दस प्रतिशत की गिरावट देख रहे हैं.''


अच्छे समय में मजबूत बुनियाद करनी है तैयार

जार्जीवा ने कहा कि भारत की एक जीवंत अर्थव्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि अच्छे वक्त में देश अपनी बुनियाद को मजबूत करके बुरे वक्त का मुकाबला अधिक मजबूती से कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस संकट का सबसे महत्वपूर्ण सबक यह है कि अच्छे समय में मजबूत बुनियाद तैयार करनी है.ऐसे में जब बुरा वक्त आता है तो अधिक लचीलापन दिखाया जा सकता है.

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