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सोमालिया में चुनाव में देरी को लेकर सड़कों पर उतरे सैंकड़ों प्रदर्शनकारी, सुरक्षाबलों ने चलाई अंधाधुंध गोलियां

Neha Dani
20 Feb 2021 1:58 AM GMT
सोमालिया में चुनाव में देरी को लेकर सड़कों पर उतरे सैंकड़ों प्रदर्शनकारी, सुरक्षाबलों ने चलाई अंधाधुंध गोलियां
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सोमालिया (Somalia) में सुरक्षा बलों ने चुनावों में विलंब (Delay in Election) होने को लेकर मोगादिशु |

सोमालिया (Somalia) में सुरक्षा बलों ने चुनावों में विलंब (Delay in Election) होने को लेकर मोगादिशु में प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोगों पर शुक्रवार को गोलियां चला दीं (Opened Firing). प्रदर्शनकारियों (Protesters) के एक नेता ने दावा किया कि इस गोलीबारी में कुछ लोग मारे गए हैं. वहीं, कुछ लोगों के घायल होने की भी खबर है. सोमालिया की सरकार (Somalia Government) और विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति आवास (President House) के पास बीती रात गोली चलने की बात कही, जिसके कुछ ही घंटों बाद प्रदर्शनकारियों पर यह कार्रवाई की गई.

हथियारबंद सुरक्षा कर्मियों ने मुख्य सड़कों की नाकेबंदी कर दी है. देश में आठ फरवरी को ही चुनाव होने थे. सूचना मंत्री उस्मान डबे ने कहा कि हथियारबंद लड़ाकों ने मोगादिशु में एक सैन्य चौकी पर बीती रात हमला किया था. वहीं, पूर्व राष्ट्रपति शरीफ शेख अहमद ने दावा कि कि सरकार ने राष्ट्रपति आवास के पास एक होटल में छापा मारा, जहां एक अन्य पूर्व राष्ट्रपति हसन शेख महमूद प्रदर्शन से पहले ठहरे हुए थे.
जो कुछ हुआ वो दुखद
पूर्व प्रधानमंत्री हसन अली खैरे के विरोध मार्च का नेतृत्व करने के कुछ ही देर बाद गोलीबारी की ताजा घटना हुई. खैरे ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों की ओर दागा गया एक गोला हवाई अड्डे के मैदान में गिरा. प्रधानमंत्री मोहम्मद हुसैन रोबल ने कहा कि जो कुछ भी हुआ उसे लेकर उन्हें बहुत दुख है.
उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना संवैधानिक अधिकार है लेकिन हथियारबंद प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है. संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को कहा कि झड़प होने की ताजा घटनाएं नेताओं के आपसी मतभेद सुलझाने की फौरी जरूरत को बयां करती है.
चुनाव से जनता को मिलेगी राहत
अमेरिकी दूतावास ने कहा कि हम हिंसा का अंत करने का आग्रह करते हैं. सोमालिया में एक सफल चुनाव का मतलब है कि सरकार कोविड-19, टिड्डों के प्रकोप और सूखे जैसे जलवायु संकटों से विस्थापित हजारों लोगों की मदद के लिए कई अहम समस्याओं को हल कर सकती है.
असुरक्षा के बावजूद 2000 के बाद से हर चार साल में हॉर्न ऑफ अफ्रीका राष्ट्र में शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन हुए हैं. 1967 में अदन अब्दुल उस्मान के रूप में इस राष्ट्र को अफ्रीका के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति प्राप्त होने का गौरव हासिल है.


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