विश्व

पाकिस्तान में रोटी-रोटी का मोहताज हुआ आम इंसान, इसी बीच इमरान सरकार उठा सकती है सबसे बड़ा कदम

Gulabi
16 March 2021 12:33 PM GMT
पाकिस्तान में रोटी-रोटी का मोहताज हुआ आम इंसान, इसी बीच इमरान सरकार उठा सकती है सबसे बड़ा कदम
x
सरकार तय करेगी कीमत

प्रधानमंत्री इमरान खान अपने देश पाकिस्‍तान में लगातार बढ़ती महंगाई से परेशान हो चुके हैं. उन्‍हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर इस महंगाई पर कैसे लगाम लगाई जाए. अब उन्‍होंने जो कदम उठाने का फैसला किया है वैसा पाक के इतिहास में पहली बार होगा. पीएम इमरान ने अपनी टीम को निर्देश दिया है कि वो एक बिल लाकर जरूरी चीजों के दाम तय करे. इमरान सरकार का मानना है कि प्रांतीय सरकारें महंगाई पर लगाम लगाने में असफल रही हैं.


सरकार तय करेगी कीमत
जो कदम इमरान खान उठाने का सोच रहे हैं, वह संवैधानिक सीमाओं के चलते असफल साबित हो सकता है. इमरान सरकार की तरफ से एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है. यह ड्राफ्ट पाकिस्‍तान फूड सिक्‍योरिटी फ्लो एंड इनफॉर्मेशन ऑर्डिनेंस 2021 का है.


पीएम इमरान के ऑफिस की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है. अगर राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी इस ऑर्डिनेंस को जारी कर देते हैं तो फिर पाक सरकार के पास कीमतों को तय करने की ताकत होगी. साथ ही सरकार जरूरी अनाजों की सप्‍लाई और डिमांड के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकेगी.

इस साल फिर गेहूं की कमी
यह खबर ऐसे समय में आई है जब पाक में इस वर्ष दो मिलियन मिट्रिक टन गेहूं की कमी का अनुमान लगाया गया है. इसके अलावा सिंध और पंजाब सरकार के बीच ज्‍यादा से ज्‍यादा अनाज हासिल करने की होड़ लगी हुई है. सूत्रों के मुताबिक इस ऑर्डिनेंस के बाद गेहूं और शक्‍कर जैसी जरूरी चीजों की कीमतें सरकार तय कर सकेगी.

जो ड्राफ्ट बना है उसके मुताबिक पीएम इमरान खान की अध्‍यक्षता में प्रांत के मुख्‍यमंत्रियों के साथ एक कमेटी का गठन होगा. मुख्‍यमंत्री इसमें सदस्‍य के तौर पर शामिल होंगे. मैनेजमेंट कमेटी साल में दो बार एक मीटिंग करेगी. इस मीटिंग में कीमतों का आकलन होगा और फिर जरूरी चीजों के दाम तय किए जाएंगे.

सजा तक का प्रावधान
एक एग्जिक्‍यूटिव कमेटी बनाई जाएगी जिसमें मुखिया फेडरल सेक्रेटरी, नेशनल फूड सिक्‍योरिटी और रिसर्च शामिल होंगे. एग्जिक्‍यूटिव कमेटी माह में एक बार मीटिंग करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मैनेजमेंट की तरफ से जो फैसला लिया गया, वह सही तरह से लागू हुआ है या नहीं.

यह प्रस्‍ताव भी दिया गया है कि कोई भी फेडरल या फिर प्रांतीय विभाग अगर जानकारी देने से मना करता है तो फिर व्‍यक्ति पर छह मात तक की सजा या फिर जुर्माने का प्रावधान होगा.

सूत्रों के हवाले से पाक मीडिया ने बताया है कि कानून और इंसाफ मंत्रालय की तरफ से इस आइडिया का विरोध किया गया है. मंत्रालय का कहना है कि संवैधानिक सीमाओं के चलते यह फैसला अतार्किक है.

मंत्रालय के मुताबिक कृषि और कीमतों पर नियंत्रण प्रांतीय सीमा में आता है. सूत्रों की मानें तो कानून मंत्रालय सिर्फ तभी इस प्रस्‍ताव पर राजी होगा जब पीएम के ऑफिस से इसको क्‍लीयर कर दिया जाए.

एक बार फिर गेहूं का आयात
ऑर्डिनेंस के ड्राफ्ट से इशारा मिलता है कि इमरान खान एक प्रशासनिक मसले को कानून के तहत संभालना चाहते हैं. इमरान की सरकार में गेहूं और शक्कर का संकट बढ़ता जा रहा है. इमरान सरकार ने सत्‍ता में आने के बाद इन दोनों ही सामानों का निर्यात करने का फरमान दिया था.

वर्तमान वर्ष के लिए सरकार ने गेहूं उत्‍पादन का लक्ष्‍य 27 मिलियन मीट्रिक टन तय किया था. सूत्रों के मुताबिक शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 26.25 मिलियन मीट्रिक टन के करीब ही उत्‍पादन हो सका है. यानी कि इसमें 750,000 मीट्रिक टन की कर्मी आई है.

फेडरल फूड मिनिस्‍ट्री की तरफ से अनुमान लगाया गया है कि वर्तमान में गेहूं का उत्‍पादन बीज की जरूरतों को मिलाकर करीब 28 मिलियन टन का है. इमरान सरकार के एक अधिकारी की मानें तो देश को एक बार फिर से 1.5 से दो मिलियन मीट्रिक टन गेहूं का आयात इस वर्ष करना पड़ सकता है.

पिछले वर्ष भी हुआ आयात
यह लगातार दूसरा मौका होगा जब इमरान के राज में गेहूं का आयात किया जाएगा. पिछले वर्ष 2.5 मिलियन मीट्रिक टन गेहूं का आयात किया गया था. अफगानिस्‍तान से गेहूं की अच्‍छी खासी खेप अफगानिस्‍तान तक स्‍मगल की गई थी.

पिछले हफ्ते पाक की सिंध सरकार ने हर 40 किलोग्राम गेहूं की खरीद पर न्‍यूनतम कीमतों को 2000 रुपए तक बढ़ा दिया है. पिछले वर्ष यह करीब 600 रुपए थी यानी इसमें 43 फीसदी का इजाफा हुआ है.


Next Story