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म्यांमार में सेना ने लोगों की हत्या की, 30 को ताबड़तोड़ गोलीबारी कर मारा, फिर शवों में लगाई आग

Neha Dani
26 Dec 2021 6:21 AM GMT
म्यांमार में सेना ने लोगों की हत्या की, 30 को ताबड़तोड़ गोलीबारी कर मारा, फिर शवों में लगाई आग
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आवाजों को दबाने का काम किया. देश के कुछ हिस्सों में अब भी लोग सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

म्यांमार में साल की शुरुआत में तख्तापलट करने के बाद से अभी तक सेना का खूनी खेल जारी है. वह लगातार बेरहमी से लोगों की जान ले रही है. इस दौरान बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी सेना के कहर से नहीं बच पा रहे. यहां सरकारी बलों (Myanmar Army) ने एक गांव के लोगों को पहले गिरफ्तार किया, फिर करीब 30 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी और शवों को आग लगा दी. माना जा रहा है कि माए गए लोगों में कुछ बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं.

एक चश्मदीद और अन्य रिपोर्टों से शनिवार को इसकी जानकारी मिली है. म्यामांर के काया प्रदेश के हप्रुसो शहर के बाहरी इलाके में स्थित मो सो गांव में हुए, इस हत्याकांड की कथित तस्वीरें सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रही हैं, जिसके बाद सत्ता पर काबिज सेना के खिलाफ लोगों में आक्रोष फैल गया है (Murders in Myanmar). मो सो गांव में ये शरणार्थी सेना के हमले से बचने के लिए शरण लेकर रह रहे थे. सोशल मीडिया अकाउंट्स को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है.
गिरफ्तारी के बाद हत्या की गई
वायरल तस्वीरों में तीन वाहनों में 30 से अधिक जले शवों को देखा जा सकता है. तस्वीर इतनी भयावह हैं कि हम स्पष्ट रूप से खुद उन्हें नहीं दिखा सकते (Villagers Killed in Myanmar). मौके पर जाने का दावा करने वाले एक ग्रामीण ने बताया कि लोग मो सो के पास स्थित कोइ नागन गांव के निकट सशस्त्र विरोधी बल और म्यामांर की सेना के बीच संघर्ष से बचने के लिए शुक्रवार को भाग गए थे. ग्रामीण ने बताया कि सेना के जवानों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और इसके कुछ देर बाद उनकी हत्या कर दी. उनकी गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब वह शरणार्थी शिविरों की ओर जा रहे थे.
फरवरी में हुआ था तख्तापलट
म्यांमार में हालात 1 फरवरी से बिगड़े हुए हैं. ये वही दिन था, जब लोगों की चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल करते हुए सेना ने देश पर कब्जा कर लिया था. तभी से देश में हिंसा लगातार बढ़ रही है (Miliary Coup in Myanmar). तख्तापलट के बाद जब लोग सड़कों पर उतरे तो सेना ने उनपर गोलियां दागते हुए विरोध की आवाजों को दबाने का काम किया. देश के कुछ हिस्सों में अब भी लोग सेना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

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