म्यामांर की 100 वर्षीय महिला को लगता है कि कोरोना वायरस की महामारी से द्वितीय विश्व युद्ध का समय ज्यादा खराब था. द्वितीय युद्ध के मुकाबले कोरोना वायरस की महामारी कुछ भी नहीं है. थेन खिन नामक बुजुर्ग महिला ने कोरोना वायरस संक्रमण को मात दे दिया है.
म्यामांर में 100 वर्षीय महिला ने कोरोना वायरस को दी मात
महिला सितंबर में कोरोना वायरस की जांच में पॉजिटिव पाई गई थी. लक्षण के एसिम्पटोमैटिक होने के बाद उन्हें यंगून के क्वारंटाइन सेंटर में दो हफ्तों तक आइसोलेट रखा गया. इस दौरान उन्हें किसी तरह की बड़ी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ा. क्वारंटाइन सेंटर से निकलने के बाद महिला ने कहा, "मुझे बताया गया था कि कोरोना वायरस का संक्रमण हो गया है, लेकिन मुझे कुछ एहसास नहीं हुआ. मैं अच्छी तरह खाना खा रही थी, खुद से नहा रही थी और सामान्य तरीके से चल भी रही थी. अगर मैं वायरस से पीड़ित हुई होती, तो मैं बिस्तर पर पड़े करार रही होती. लेकिन मैं मजबूत हूं और चल रही हूं."
'कोविड-19 से ज्यादा खराब था द्वितीय विश्व युद्ध का दौर'
100 वर्षीय महिला ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हालात बहुत ज्यादा खराब थे. लेकिन उसके मुकाबले वर्तमान बीमारी कुछ भी नहीं है. उन्हें अपने बच्चों और पोतों की चिंता है. उन्होंने कहा, "मेरे लिए मौत कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं. मैं इससे पहले भी खराब और भयानक हालात से बच चुकी हूं." कोरोना वायरस का संक्रमण उसके परिवार की कई पीढ़ियों में फैल गया था. महिला का कहना है कि उसे अपने पोतों की चिंता है. उसके परिवार में कुल दस सदस्य हैं. उसकी एक पोती ने बताया कि उसके परिवार के 10 सदस्य संक्रमण से ठीक हो गए हैं. लेकिन एक बार फिर कोरोना वायरस का डर सता रहा है. इसलिए बाहर निकलना नहीं होता है.