मलेरिया के मच्छरों को कीटनाशकों से मारने में इंसानों और पर्यावरण पर भी दुष्प्रभाव का खतरा रहता है. इसलिए स्वीडन में शोधकर्ता इन मच्छरों के खात्मे के लिए एक नए तरीके पर काम कर रहे हैं.स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम की एक प्रयोगशाला में मच्छरों से भरे हुए पिंजरे रखे हुए हैं. मच्छरों को पिंजरों के अंदर बंद रखने के लिए उन पर महिलाओं के टाइट्स चढ़ाए गए हैं. मलेरिया से लड़ने की एक बड़ी योजना के तहत इन मच्छरों को रोज घातक विष मिला कर चुकंदर का जूस दिया जा रहा है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि मलेरिया फैलाने वाले एनोफेलीज मच्छर को मारने के लिए उन्होंने एक ऐसा तरीका खोज निकाला है जो पर्यावरण के अनुकूल है. ये शोधकर्ता इतने आशान्वित हैं कि उन्होंने अपनी खोज को व्यावसायिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए एक कंपनी की स्थापना कर ली है. कैसे फंसते हैं मच्छर इससे पहले इन मच्छरों को मारने के लिए कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन ये कीटनाशक इंसानों और पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं.