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जापान में PM फुमियो किशिदा को चुनाव में मिला बहुमत, सहयोगी कोमेइतो ने 32 सीटों पर...

Neha Dani
1 Nov 2021 9:46 AM GMT
जापान में PM फुमियो किशिदा को चुनाव में मिला बहुमत, सहयोगी कोमेइतो ने 32 सीटों पर...
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जो कि संसदीय कमेटी पर नियंत्रण और कानून पारित करने के लिए जरूरी है.

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Japanese PM Fumio Kishida) के गठबंधन ने रविवार को होने वाले संसदीय चुनावों (Parliamentary Election) में कुछ सीटें गंवाने के बावजूद बहुमत बनाए रखा है. अंतिम नतीजों के मुताबिक, किशिदा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (Liberal Democratic Party) और उसके गठबंधन सहयोगी कोमेइतो (Komeito) ने एक साथ मिलकर 293 सीटें जीतीं. आधिकारिक परिणामों के अनुसार, एलडीपी के गठबंधन सहयोगी कोमेइतो ने 32 सीटों पर जीत हासिल की है.

हालांकि अभी नतीजों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. उन्हें मिली सीटें 465 सदस्यीय निचले सदन में बहुमत के 233 के आंकड़े से अधिक है. LDP ने पिछली बार 305 सीटें जीतीं थीं. हालांकि इस बार कोरोना वायरस से जूझ रही अर्थव्यवस्था और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के कारण चुनाव में कुछ सीटें गंवानी पड़ी है. किशिदा ने अपने सत्तारूढ़ गठबंधन के बहुमत हासिल करने के बाद रविवार देर शाम को कहा, 'निचले सदन का चुनाव नेतृत्व चुनने को लेकर है. मुझे लगता है कि हमें मतदाताओं से जनादेश मिला है.'
किशिदा इसी साल चार अक्टूबर को बने प्रधानमंत्री
जापान की संसद ने पूर्व विदेश मंत्री फुमिओ किशिदा को देश का नया प्रधानमंत्री चुना था. किशिदा ने योशिहिदे सुगा का स्थान लिया है. सुगा और उनकी कैबिनेट ने चार अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया था. सत्तारूढ़ दल में नेतृत्व की दौड़ जीतने के बाद किशिदा (64) इसी साल चार अक्टूबर को प्रधानमंत्री बने हैं. पार्टी के नेताओं ने उन्हें योशीहिदे सुगा (Yoshihide Suga) और उनके प्रभावशाली पूर्ववर्ती और शिंजो आबे (Shinzo Abe) के एक सुरक्षित उत्तराधिकारी के रूप में देखा. किशिदा के आगे सबसे जरूरी टास्क ये है कि वह पार्टी के खोये हुए समर्थन को फिर से हासिल करें.
LDP ने जीती बहुमत से अधिक सीटें
इसी साल प्रधानमंत्री चुने गए किशिदा ने पद संभालने के 10 दिन बाद ही निचले सदन को भंग कर दिया था. एग्जिट पोल, कमोबेश मीडिया के अनुमानों के अनुरूप रहे. प्रचार अभियान काफी हद तक कोविड-19 से निपटने के उपायों और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने से जुड़े कदमों पर केंद्रित रहा था. गठबंधन के दलों की संयुक्त सीटें 233 के बहुमत से अधिक हो गई हैं. हालांकि पूर्व की 305 सीटों से कम पर जीत के कारण सत्ता पर किशिदा की दीर्घकालिक पकड़ प्रभावित हो सकती है. गठबंधन ने 261 की संख्या को भी पार कर लिया है जो कि संसदीय कमेटी पर नियंत्रण और कानून पारित करने के लिए जरूरी है.

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