विश्व

फ्रांस में सरकारी स्विमिंग पूल में महिलाओं को बुर्किनी पहनने की इजाजत, फरमान के बाद छिड़ा विवाद

Neha Dani
19 May 2022 2:24 AM GMT
फ्रांस में सरकारी स्विमिंग पूल में महिलाओं को बुर्किनी पहनने की इजाजत, फरमान के बाद छिड़ा विवाद
x
आपकी कोई वैधता नहीं है, आप उसके लिए नहीं चुने गए.'

फ्रांस में एक बार फिर से मुस्लिम महिलाओं के पहनावे को लेकर बहस छिड़ गई है. दरअसल फ्रांस के ग्रेनोबल शहर ने बीते सोमवार को सरकारी स्विमिंग पूल में मुस्लिम महिलाओं को बुर्किनी समेत सभी स्विमिंग सूट पहनने की इजाजत मिल गई है. वहीं इसे लेकर फ्रांस के मंत्रि ने कहा है कि वो इस फैसले का विरोध करते हैं और इस नियम को बदल कर रहेंगे

शरीर और बालों को ढकने के लिए पहना जाता है बुर्किनी
बता दें कि बुर्किनी एक खास तरह का स्विमिंग सूट होता है, जिसे मुस्लिम महिलाओं अपने शरीर और बालों को ढंकने के लिए इस्तेमाल करती हैं. कई फ्रांसीसी आलोचक इसे इस्लामवाद के प्रतीक और फ्रांस की धर्मनिरपेक्ष परंपराओं के अपमान के रूप में देखते हैं. कई दक्षिणपंथी और कुछ नारीवादी लोग इसे बैन कराने की मांग करा रहे हैं.
ग्रेनोबेल के मेयर ने की घोषणा
बीते सोमवार को ग्रेनोबेल के अल्पाइन शहर में ऐलान किया गया कि सरकारी स्विमिंग पूल में सभी लोग अपनी पसंद के कपड़े पहन सकते हैं. सभी महिलाएं बुर्किनी पहन सकती हैं. अभी तक फ्रांस के सभी राज्यों में महिलाओं के लिए एक पारंपरिक स्विमिंग सूट और पुरुषों के लिए ट्रंक पहनना अनिवार्य था. लेकिन अल्पाइन में मेयर ने ये नियम बदल दिया है.
विपक्ष कर रहा है जमकर विरोध
ग्रेनोबल के मेयर एरिक पिओल ने ये नियम बदला है. वो फ्रांस के बड़े नेताओं में शामिल हैं. लेकिन उनके इस फैसले के बाद विपक्ष उनका जमकर विरोध करता दिख रहा है. मेयर पिओल ने जब इस प्रस्ताव को सदन के सामने उठाया तो इसके समर्थन में 29 मत जबकि इसके विरोध में 27 वोट पड़े. केवल 2 वोटों से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. मेयर पिओल ने कहा, 'हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि महिलाएं और पुरुष अपनी मर्जी से कपड़े पहन सकें.'
विपक्ष ने फैसला वापस लेने की अपील की
शहर के मेयर की इस घोषणा को गृह मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने अस्वीकार्य और भड़काऊ बताया. उन्होंने कहा कि ये फ्रांस के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के विपरीत है और वो इस फैसले को कानूनी रूप से चुनौती देंगे. वहीं, मेयर के ऐलान के बाद ग्रेनोबल के पूर्व मेयर एलेन कैरिग्नन ने इस मुद्दे पर एक स्थानीय जनमत संग्रह का आग्रह किया. उन्होंने कहा, 'आप इतने संवेदनशील विषय पर जबरदस्ती कोई फैसला नहीं कर सकते. आपकी कोई वैधता नहीं है, आप उसके लिए नहीं चुने गए.'
Next Story