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यूरोप में इस वर्ष गर्मी के सभी रिकॉर्ड टूटे, जानें- कहां का है ये हाल

Neha Dani
4 Aug 2022 9:33 AM GMT
यूरोप में इस वर्ष गर्मी के सभी रिकॉर्ड टूटे, जानें- कहां का है ये हाल
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उनके मुताबिक पिछले वर्ष इसके फटने से करीब 140 करोड़ क्‍यूबिक मैग्‍मा काफी बड़े हिस्‍से में फैल गया था।

Iceland में Mount Fagradalsfjail ज्‍वालामुखी से निकलता लावा यहां पर आने वाले सैलानियों और भू-वैज्ञानिकों के लिए बेहद खास हो गया है। आइसलैंड की राजधानी Reykjavik के पास लावा ऐसे धधक रहा है जैसे किसी इस्‍पात की फैक्‍टरी में लोहा धधकता है। यहां पर ये लावा करीब 40 किमी के बड़े हिस्‍से में फैल चुका है। यहां पर वैज्ञानिकों ने पिछले कुछ दिनों से जबरदस्‍त सिसमिक एक्‍टीविटी होते देखी थी।


पिछले वर्ष मार्च में भी ये ज्‍वालामुखी फट गया था और करीब छह माह तक इसमें से लावा बाहर आता रहा है। उस वक्‍त भी काफी बड़े इलाके में इसका प्रभाव देखा गया था। यहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए ये किसी अनोखी चीज देखने से कम नहीं है। वहीं दूसरी तरह वैज्ञानिकों के लिए हमारी धरती के गर्भ में छिपे रहस्‍यों का भंडार है।

इस ज्‍वालामुखी से निकला लावा करीब 30 मीटर या 65-100 फीट तक हवा में उछल रहा है। ठंडा होने के कई घंटों बाद भी इसमें से धुंआ लगातार निकल रहा है। पूरी तरह से ठंडा होने में इसको कुछ समय लग जाता है। एएफपी के मुताबिक ज्‍वालामुखी के फटने के बाद यहां पर आने वाले सैलानियों के लिए ये एक खास जगह हो गई है।

Icelandic Meteorological office के मुताबिक इसकी शुरुआत Meradlir Valley से हुई थी, जो यहां से करीब एक किमी से भी कम की दूरी पर स्थित है। ज्‍वालामुखी फटने के बाद से अब तक यहां पर करीब 1000 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। इनमें से सबसे अधिक तेज झटका रिक्‍टर स्‍केल पर 5 था।

वैज्ञानिकों के लिए ये इसलिए भी खास है क्‍योंकि यहां पर ज्‍वालामुखी फटने से पहले निकलने वाली गर्म राख बाहर नहीं आई थी। न ही यहां से पहले गैस बाहर निकली। वैज्ञानिकों का कहना है कि ज्‍वालामुखी फटने के साथ ही सल्‍फर डाईआक्‍साइट गैस बाहर आती है, जो पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाती है। ये स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से भी काफी खतरनाक होती है। हवा के साथ ये गैस काफी बड़े इलाके में फैल जाती है। इसकी सबसे अधिक मार उन इलाकों को झेलनी पड़ती है जो आबादी के हिसाब से काफी घने हैं।

आइसलैंड के विदेश मंत्री की तरफ से कहा गया है कि इस ज्‍वालामुखी के फटने से विमान सेवा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। इस ज्‍वालामुखी के फटने के करीब डेढ़ घंटे बाद ही इसके ऊपर से एक कमर्शियल विमान भी गुजरा था। उनके मुताबिक पिछले वर्ष इसके फटने से करीब 140 करोड़ क्‍यूबिक मैग्‍मा काफी बड़े हिस्‍से में फैल गया था।


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