विश्व
चीन में 17 लाख लोगों ने कोरोना से गंवाई जान, असली डेथ रेट 17000 % ज्यादा
Renuka Sahu
17 Jan 2022 4:53 AM GMT
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फाइल फोटो
कोरोना वायरस को लेकर चीन के आंकड़े शुरुआत से ही संदेह के दायरे में रहे हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर चीन के आंकड़े शुरुआत से ही संदेह के दायरे में रहे हैं. एक विश्लेषक ने दावा किया है कि चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या (Covid Death in China) जारी आंकड़ों की तुलना में 17,000 फीसदी अधिक हो सकती है. आशंका है कि दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन (China Lockdown) होने के बावजूद चीन में संक्रमण से मरने वालों का असली आंकड़ा 17 लाख के आसपास हो सकता है, जो चीनी अधिकारियों की ओर से रिपोर्ट की गईं 4,636 मौतों के ठीक विपरीत है.
स्टीवंस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में क्वांटिटेटिव फाइनेंस प्रोग्राम के निदेशक जॉर्ज कैलहौन ने आरोप लगाया है कि चीनी शासन ने अपनी छवि को बचाने के लिए कम मौतों का डेटा जारी किया है. द इकोनॉमिस्ट के मॉडल का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञ ने द एपोच टाइम्स को दावा किया कि चीन के आधिकारिक आंकड़े 'सांख्यिकीय रूप से असंभव' हैं. अप्रैल 2020 के बाद जब ज्यादातर मौतें वुहान में हुई थीं, जब बीजिंग में आधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर सिर्फ दो मौतें दर्ज कीं.
मौजूदा आंकड़ों के मुताबिक चीन को दुनिया में सबसे कम कोरोना मौतों वाले देशों में गिना जाता है. कैलहौन ने कहा कि यह असंभव है. यह चिकित्सकीय रूप से भी असंभव है और यह सांख्यिकीय रूप से भी असंभव है. तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि याद रखें कि 2020 में न वैक्सीन थी और न ही कोई इलाज. इसका मतलब है कि आपके पास एक असुरक्षित आबादी थी जिसने शून्य कोविड मौतों की सूचना दी, बल्कि तब दसियों हजार मामला सामने आ रहे थे.
आधिकारिक मृत्यु दर असली से 17,000 प्रतिशत कम
जॉन्स हॉपकिन्स कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर के आंकड़ों के अनुसार उस अवधि में मेनलैंड चाइना में कोविड के 22,000 से अधिक मामले सामने आए थे. लेकिन द इकोनॉमिस्ट के मॉडल के आधार पर, कैलहौन ने दावा किया है कि चीन की आधिकारिक मृत्यु दर वास्तविकता से लगभग 17,000 प्रतिशत कम है. कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए चीन 'जीरो कोविड पॉलिसी' पर जोर दे रहा है.
लोगों को बक्से में बंद कर रही चीनी सरकार
इसके लिए चीनी सरकार सभी हदें पार करने के लिए भी तैयार है. फिर चाहें लोगों को घरों को कैद करना हो या स्टील के बक्से में. चीनी सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि शिआन में कोरोना का प्रकोप 5 जनवरी के बाद से अब काबू में है. हालांकि, सरकार की ओर से नियमों को और ज्यादा कड़ा कर दिया गया है और लोग अभी भी अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.
चीन की वैक्सीन सबसे कम प्रभावी?
चीन में बढ़ते कोरोना के मामलों को देख चीन की वैक्सीन के प्रभाव पर लोगों का शक गहराने लगा है. सिर्फ चीन में ही नहीं, बल्कि जिस-जिस देश में इस वैक्सीन को लगाया गया, वहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं. मंगोलिया, बहरीन, सेशेल्स, चिली और तुर्की समेत कई देशों ने चीन की वैक्सीन का इस्तेमाल किया, जिसका खामियाजा उन्हें तुरंत भुगतना पड़ा.
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