ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला डा सिल्वा ने रविवार को मौजूदा राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को हरा दिया है। लूला ने आश्चर्यजनक वापसी करते हुए देश की दक्षिणपंथी सरकार के अंत को चिह्नित किया। एक दशक के बाद लूला ने बोल्सनारो के 49.2 फीसद वोटों की तुलना में 50.8 फीसद वोट पाकर चुनाव जीत लिया है।
सर्वे में भी आगे थे लूला
बता दें कि अधिकांश चुनावों के सर्वे में भी लूला फिर से चुने जाने के लिए पसंदीदा उम्मीदवार थे। बोल्सोनारो ने 2 अक्टूबर को पहले दौर के मतदान में जनमत सर्वे से बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन उनका जीतना मुश्किल माना जा रहा था।
पहले दौर में नहीं हो सका था फैसला
इससे पहले 2 अक्टूबर को स्थानीय मीडिया के अनुसार कोई भी उम्मीदवार पहले दौर में जीतने के लिए आवश्यक 5 प्रतिशत अंक हासिल नहीं कर सका था। विशेष रूप से, इस साल के चुनावों में 156 मिलियन से अधिक लोगों को वोट डालने की अनुमति मिली थी, जो कि एक रिकार्ड था।
एक नई कर व्यवस्था का वादा
बता दें कि 76 वर्षीय लूला ने बोल्सोनारो को पद से हटाने के लिए अपने अभियान में अपनी पिछली उपलब्धियों पर गिनाया था। उनके चनावी अभियान में एक नई कर व्यवस्था का वादा किया गया था जो उच्च सार्वजनिक खर्च की अनुमति देगा। उन्होंने देश में भूख खत्म करने का संकल्प भी लिया है।
भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए पाए गए थे दोषी
लूला का विवादों से एक अलग रिश्ता है। वे 2017 में सरकारी तेल कंपनी पेट्रोब्रास में व्यापक "ऑपरेशन कार वॉश" जांच से उपजे आरोपों में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए दोषी ठहराए गए थे। लेकिन दो साल से कम समय के बाद सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश ने मार्च 2021 में लूला की सजा को रद्द कर दिया था, जिससे उनके लिए छठी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया था।