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अमेरिका में बाबा साहब अंबेडकर को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी श्रद्धांजिल, कहा- उनका विजन ही वो ब्लू प्रिंट है, जो मार्गदर्शन करता है
Renuka Sahu
15 April 2022 1:54 AM GMT
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फाइल फोटो
विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान डॉ. भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr BR Ambedkar) की 131वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इसका आयोजन भारत के वाणिज्य दूतावास में किया गया था. इस दौरान उन्होंने कहा, 'हमारे संविधान (Constitution) के शिल्पकार के तौर पर उन्होंने (डॉ. भीमराव अंबेडकर) ने हमें जो विरासत दी है, वो समय से अधिक और अधिक मूल्यवान हो गई है. उनका विजन और महत्वकांशा, वो ब्लू प्रिंट है, जो आज हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं.' उन्होंने अमेरिका में बिताए बाबा साहब के दिनों का भी जिक्र किया.
विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे कहा, डॉ. भीमराव अंबेडकर के न्यूयॉर्क में बिताए वक्त का उनपर एक स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिक नेता के रूप में बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है. लेकिन इन सबसे बढ़कर एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रभाव पड़ा. जो अमेरिका के हित में सबसे अच्छा था, उससे वह बहुत प्रभावित हुए. डॉ. अंबेडकर की सार्वभौमिक प्रासंगिकता है. भेदभाव और अन्य कुरीतियों को हटाते हुए एक निष्पक्ष समाज का निर्माण करने के लिए उन्हें सभी देशों द्वारा पहचान मिलनी चाहिए.
उनके विचार-दृष्टिकोण प्रभावित करते हैं
जयशंकर ने आगे कहा, मोदी सरकार लोगों की सेवा के लिए प्रतिदिन जो करती है, वह उनके विचारों, दृष्टिकोण ही निर्धारित करते हैं, प्रभावित करते हैं और मार्गदर्शन करते हैं. उन्होंने इस मौके पर एक ट्वीट भी किया है. जिसमें वह लिखते हैं, 'आज भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित किए गए अंबेडकर जयंती समारोह में भाग लिया. एक निष्पक्ष समाज के निर्माण और भेदभाव और अन्याय से लड़ने के लिए अंबेडकर की सार्वभौमिक प्रासंगिकता है. मोदी सरकार के प्रमुख सामाजिक-आर्थिक कार्यक्रम उनके दृष्टिकोण और संदेश को श्रद्धांजलि हैं.'
यूएन चीफ से भी मुलाकात की
एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से भी मुलाकात की. इस दौरान दोनों ने यूक्रेन संकट से दुनिया पर हो रहे असर और म्यांमार और अफगानिस्तान की स्थिति पर बात की.यूक्रेन संकट के कारण दुनियाभर में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर असर पड़ा है. इस मामले में गुतारेस और जयशंकर ने अपने विचारों का आदान प्रदान किया. जयशंकर ने बाद में ट्वीट करते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ व्यापक चर्चा की है. यूक्रेन संकट से दुनिया, खासतौर पर खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर असर पड़ा है. इस पर विचार साझा किए. विकासशील देशों के लिए इसका असर गंभीर है. म्यांमार और अफगानिस्तान के संबंध में भी ताजा घटनाक्रम पर बात की.
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