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मुख्यमंत्री के साथ बैठक में हिंदुओं ने दिखाई दरियादिली, मंदिर में तोड़फोड़ करने वाली भीड़ को किया माफ

Neha Dani
15 March 2021 2:26 AM GMT
मुख्यमंत्री के साथ बैठक में हिंदुओं ने दिखाई दरियादिली, मंदिर में तोड़फोड़ करने वाली भीड़ को किया माफ
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पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार को मंदिर का फिर से निर्माण कराने का आदेश दिया था.

पाकिस्तान (Pakistan) के खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) में मंदिर (Hindu Temple) को तोड़ने वाले कट्टरपंथियों को स्थानीय हिंदुओं ने माफ कर दिया है. सदियों पुराने इस मंदिर में पिछले साल तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई थी. जिसे लेकर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा था. यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकार को लताड़ लगाते हुए मंदिर को फिर से बनाने का आदेश दिया था. अब हिंदुओं ने गुनाहगारों को माफ करके मामले को खत्म करने का प्रयास किया है.

Hindus की सुरक्षा का आश्वासन
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, इस विवाद को सुलझाने के लिए शनिवार को स्थानीय धार्मिक नेताओं (Local Clerics) और हिंदू समुदाय (Hindu Community) की बैठक हुई. अनौपाचारिक रूप से 'जिरगा' (Jirga) कही जाने वाली बैठक में आरोपियों ने पिछले साल के हमले और 1997 में हुई इसी तरह की घटना के लिए माफी मांगी. वहीं, मुस्लिम धर्मगुरुओं ने देश के संविधान के अनुसार हिंदुओं और उनके अधिकारों को पूरी तरह सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया. बैठक में बनी सहमति के बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताया जाएगा, ताकि आरोपियों को जल्द रिहा किया जा सके.
'आहत हुईं हिंदुओं की भावनाएं'
पिछले साल 30 दिसंबर को पाकिस्तान की धार्मिक पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के कट्टरपंथियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले स्थित टेरी गांव में बने मंदिर और उससे लगी समाधि में तोड़फोड़ की थी और उसके बाद मंदिर को आग के हवाले कर दिया था. स्थानीय उलेमा के साथ बैठक के बाद बोलते हुए पाकिस्तान हिंदू कांउसिल के अध्यक्ष रमेश कुमार (Ramesh Kumar) ने कहा कि इस घटना ने दुनियाभर के हिंदुओं की भावना को आहत किया है. तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (Tehreek-e-Insaf) के विधायक कुमार ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान की अध्यक्षता में जिरगा की कार्यवाही हुई.
CM ने भी की हमले की निंदा
बैठक के दौरान सीएम महमूद खान ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र की शांति के लिए खतरा हैं. बता दें कि इस मामले में 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. भारत ने भी घटना पर गहरी चिंता जताते हुए पाकिस्तान के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया था. इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान की जमकर आलोचना हुई थी. जिसके बाद पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार को मंदिर का फिर से निर्माण कराने का आदेश दिया था.


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