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पाक आर्मी को लेकर इमरान के दावे सच, शहबाज सरकार ने माना पत्रकार अरशद की हुई थी हत्या

Subhi
9 Nov 2022 12:44 AM GMT
पाक आर्मी को लेकर इमरान के दावे सच, शहबाज सरकार ने माना पत्रकार अरशद की हुई थी हत्या
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पाकिस्तान की शहबाज सरकार का एक कबूलनामा फिर से पाकिस्तान में बवाल मचा सकता है। दरअसल पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने मंगलवार को कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि पत्रकार अरशद शरीफ की केन्या में "हत्या की गई" थी। उन्होंने कहा कि केन्या की स्थानीय पुलिस गलत पहचान का मामला बता रही है लेकिन ऐसा है नहीं। पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्ला का यह कबूलनामा सेना को लेकर किए गए इमरान खान की पार्टी के दावों को सच साबित कर रहा है।

पहले पूरा मामला समझिए

49 वर्षीय अरशद शरीफ 'एआरवाई' टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर और टीवी एंकर थे। अरशद शरीफ के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ करीबी संबंध थे। यह बात पाकिस्तान की शहबाज सरकार और पाक आर्मी को पसंद नहीं थी। यही कारण रहे कि पाकिस्तान सुरक्षा एजेंसियों ने इस साल की शुरुआत में उनके खिलाफ देशद्रोह और "राजद्रोह" के आरोप में मामला दर्ज किया था। सेना और पुलिस के टॉर्चर के डर से अरशद शरीफ ने पाकिस्तान छोड़ दिया और केन्या भाग गए थे।

केन्या पुलिस ने मारी गोली, दावों पर उठे सवाल

23 अक्टूबर को केन्या की राजधानी नैरोबी के पास पुलिस चौकी के निकट अरशद को गोली मार दी गई थी। इस खबर के पाकिस्तान में कोहराम मच गया था। केन्याई पुलिस ने बाद में कहा था कि यह "गलत पहचान" का मामला है। लेकिन पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी यानी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) इस बात से इनकार करती रही है। पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के सुप्रीमो इमरान खान पत्रकार की मौत की जांच की मांग कर रहे थे।

पाकिस्तान में रची गई थी पत्रकार अरशद की हत्या की साजिश

अरशद की हत्या पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता फैसल वावड़ा ने कहा था कि उनकी हत्या की साजिश पाकिस्तान के अंदर ही रची गई थी। हालांकि वावड़ा ने भले ही पाक आर्मी का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा उसी तरफ था। वावड़ा ने कहा कि सेना का इससे कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ "दोस्तों की आड़ में दुश्मन" थे जिन्होंने अरशद को देश छोड़ने के लिए गुमराह किया था। इसके अलावा इमरान खान के ताजा बयानों ने से भी प्रतीत होता है कि उनकी और सेना के अधिकारियों के बीच बन नहीं रही है।

पाकिस्तान में इस समय इमरान खान और सेना सीधे आमने-सामने खड़े हैं। इमरान खान पर हुए कातिलाना हमले के बाद मामला और भी पेंचीदा हो गया है। इमरान खान की तरफ से उनकी पार्टी के एक नेता ने जारी बयान कहा था कि खान के ऊपर हुई फायरिंग में सेना के काउंटर-इंटेलीजेंस के प्रमुख मेजर जनरल फैसल नसीर भी शामिल थे। इमरान की पार्टी के दावों से सैन्य नेतृत्व भड़क उठा है। इसके पहले जब इमरान खान को सत्ता से बेदखल किया गया था तो उन्होंने आरोप लगाया कि इस विदेशी साजिश में सेना भी उन्हीं लोगों के साथ थी।

केन्या से वापस आया पाक का दो सदस्यीय दल

पाक गृह मंत्री सनाउल्ला ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान द्वारा नैरोबी भेजा गया दो सदस्यीय दल वापस आ गया है और उन्हें प्रारंभिक जांच के बारे में जानकारी दी है। मामले की जांच के लिए गठित टीम में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के निदेशक अतहर वाहिद और आईबी के उमर शाहिद हामिद शामिल थे। सनाउल्ला ने घटना के बारे में केन्याई पुलिस के दावे को खारिज करते हुए कहा, "प्रथम दृष्टया अरशद शरीफ की हत्या की गई। यह एक लक्षित हत्या थी और गलत पहचान का मामला नहीं था।" उन्होंने कहा, "अगर यह हत्या है, जैसा कि प्रथम दृष्टया लगता है, तो केन्या में रह रहे दो भाई वकार अहमद और खुर्रम अहमद इस बारे में जानते होंगे।"

शरीफ केन्या में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के दो भाइयों वकार और खुर्रम के यहां ठहरे हुए थे। मंत्री ने यह भी कहा कि जांच अभी भी अधूरी है और दल आगे की जांच के सिलसिले में दुबई भी जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को शरीफ की हत्या के मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र आयोग बनाने का अनुरोध करते हुए पहले ही पत्र लिख दिया है। शरीफ अगस्त में पाकिस्तान से पहले दुबई और फिर केन्या चले गए थे। उनकी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। केन्या पुलिस ने जहां इसे गलत पहचान का मामला बताया है वहीं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया है कि शरीफ की हत्या की गई।


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