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पाक उपचुनाव में इमरान ने सबको चौंकाया, 8 में से 6 सीटें जीतीं

Rani Sahu
17 Oct 2022 1:01 PM GMT
पाक उपचुनाव में इमरान ने सबको चौंकाया, 8 में से 6 सीटें जीतीं
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इस्लामाबाद, (आईएएनएस)| पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने नेशनल असेंबली उपचुनाव में आठ सीटों में से छह पर जीत दर्ज कर सबको चौंका दिया है।
इस उपचुनाव को खान और गठबंधन सरकार के बीच सीधी राजनीतिक लड़ाई के रूप में देखा जा रहा था।
खान की पार्टी कराची में हार गई। पीटीआई उम्मीदवार मेहर बानो कुरैशी मुल्तान में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अली मूसा गिलानी से उपचुनाव हार गईं। कराची में इमरान की हार का दावा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के हकीम बलूच ने भी किया था।
छह नेशनल असेंबली सीटों पर खान की जीत ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन)के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के लिए निश्चित रूप से खतरे की घंटी बजा दी है।
खान की पीटीआई ने खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के मर्दन, चारसद्दा और पेशावर, पंजाब प्रांत के फैसलाबाद और ननकाना साहिब और सिंध प्रांत के कोरंगी जिले में जीत हासिल की है।
उनकी पार्टी पंजाब प्रांतीय विधानसभा उपचुनावों में भी से कम से कम दो सीटों पर जीत हासिल की, जबकि सत्ताधारी पार्टी पीएमएल-एन को सिर्फ एक सीट मिली।
इमरान खान के सत्ताविरोधी अभियान को पूरे पाकिस्तान में फैलाने के प्रयासों के निश्चित रूप से बेहतर परिणाम सामने आए हैं और इससे उनका यह दावा पुख्ता हुआ है कि वह इस समय देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं।
कई लोगों ने कहा कि खान कम से कम 13 राजनीतिक दलों के गठबंधन के खिलाफ अकेले सेनानी थे। गठबंधन के उम्मीदवार लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों में हारने के बाद शर्मिदा हैं।
पीटीआई ने कहा है कि खान नेशनल असेंबली के सदस्य के तौर पर शपथ नहीं लेंगे और एमएनए के रूप में संसद भी नहीं जाएंगे।
उनकी जीत ने इस दावे की पुष्टि की है कि इस समय गठबंधन सरकार संसद में समग्र रूप से पाकिस्तानी राष्ट्र का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।
खान ने देश में आम चुनाव की घोषणा जल्द करने की मांग बार-बार की है। हालांकि, मौजूदा गठबंधन सरकार ने खान की मांग पूरी करने से इनकार कर दिया है। खान को अविश्वास मत के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था।
विश्लेषकों का मानना है कि जनता के बीच खान की अत्यधिक लोकप्रियता और सरकार के खिलाफ समग्र अभियान ने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल पार्टियों को बैकफुट पर धकेल दिया है।
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