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इमरान समर्थकों ने बोला सिंध हाउस पर धावा, विपक्ष भी लामबंद, अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार

Renuka Sahu
19 March 2022 1:04 AM GMT
इमरान समर्थकों ने बोला सिंध हाउस पर धावा, विपक्ष भी लामबंद, अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार
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फाइल फोटो 

पाकिस्‍तान में विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद सियासत पूरे उफान पर है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्‍तान में विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद सियासत पूरे उफान पर है। आलम यह है कि सत्‍ता पक्ष के करीब दो दर्जन असंतुष्‍ट सांसद भी इमरान सरकार के खिलाफ वोटिंग कर सकते हैं। कुर्सी तक पहुंची आंच से बौखलाए पीएम इमरान खान परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की धमकी दे चुके हैं। यही वजह है कि सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए दो दर्जन बागी पीटीआइ सांसदों ने सिंध हाउस में डेरा डाल दिया है। वहीं इमरान समर्थकों ने भी सरकार के पक्ष में आवाज बुलंद की है।

इमरान समर्थकों का सिंध हाउस पर धावा
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के के कुछ सदस्यों ने इमरान खान के पक्ष में आवाज बुलंद करते हुए शुक्रवार को इस्‍लामाबाद में सिंध हाउस पर धावा बोल दिया। पीटीआई के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने सिंध हाउस में घुसते हुए हुए असंतुष्ट सांसदों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पीटीआई के इन असंतुष्ट सांसदों ने इमरान खान के खिलाफ मतदान करने की धमकी दी है। ऐसे में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) द्वारा संचालित सिंध हाउस सियासी खींचतान का नया केंद्र बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे इमरान
वहीं सत्‍ता को बचाने के लिए इमरान सरकार पूरी ताकत लगा रही है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर मतदान से पहले ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। इमरान खान की पार्टी असंतुष्ट सांसदों को वोटिंग से पहले अयोग्‍य घोषित करने की मांग करेगी। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने बताया कि सरकार ने अनुच्छेद 63-ए की व्याख्या के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है।
अब सुप्रीम कोर्ट के रुख पर नजरें
जियो टीवी के अनुसार फवाद चौधरी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट से व्याख्या की मांग करेंगे कि पार्टी के सदस्य के वोट की स्थिति क्या होगी जो संगठन की नीति की अवहेलना करता है और कथित खरीद-फरोख्त में शामिल है। पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 63 (ए) के अनुसार किसी सांसद को दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित किया जा सकता है यदि वह संसदीय दल की ओर से जारी किसी निर्देश का उल्‍लंघन करते हुए सदन में मतदान से करने से परहेज करता है।
क्‍या कहता है बहुमत का गणित
बता दें कि पाकिस्‍तान में विपक्ष की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली का सत्र 21 मार्च को बुलाया जा सकता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव पर 28 मार्च को मतदान कराए जाने की संभावना है। इमरान खान को हटाने के लिए 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में विपक्ष को 272 वोटों की जरूरत है। सदन में पीटीआई के 155 सदस्य हैं। इमरान खान की सरकार के बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है।
सेना ने भी साधी चुप्‍पी
इमरान को कम से कम छह राजनीतिक दलों के 23 सदस्यों का समर्थन हासिल है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) की अगुआई वाले सत्ताधारी गठबंधन में भी दरार पैदा हो गई है। ऐसे में इमरान सरकार को बहुमत के आंकड़ा हासिल करने में मुश्किलें आ सकती हैं। वहीं पीटीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चौंकाने वाली बात यह है कि पूरे घटनाक्रम पर सेना ने चुप्‍पी साध रखी है। वहीं इमरान खा ने 27 मार्च को जनाधार का प्रदर्शन करने के लिए एक बड़ी रैली बुला ली है।
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