पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल असेंबली में अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से सफलतापूर्वक बच निकलने के बाद रविवार को विपक्ष के नेताओं का मजाक उड़ाया। सदन के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने संयुक्त विपक्ष द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव को अवैध घोषित करते हुए कहा कि उनके अनुसार इस प्रस्ताव का लक्ष्य किसी विदेशी ताकत के कहने पर सरकार को अपदस्थ करना था।
इसके कुछ ही मिनट बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया। खान ने अपने सांसदों से हंसते हुए कहा, 'विपक्ष को अब भी समझ नहीं आ रहा कि आज क्या हुआ।' उन्होंने इस्लामाबाद में एक बैठक में सांसदों से कहा कि उन्होंने विपक्ष को हराने के अपने अंतिम फैसले को सार्वजनिक नहीं किया था, क्योंकि वह उन्हें अचंभित करना चाहते थे। खान ने कहा, 'विपक्ष को मौजूदा हालात के बारे में कुछ समझ नहीं आ रहा।'
उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान एक ''धमकी भरा पत्र'' साझा किया गया था जिसे पाकिस्तान के राजदूत ने विदेश मंत्रालय को भेजा था। इस बैठक में सेना प्रमुख के साथ-साथ अन्य सभी सेवाओं के प्रमुख भी शामिल हुए थे। खान ने कहा, 'बैठक में इस पत्र की समीक्षा की गई और इस पर चर्चा की गई। इसके बाद निष्कर्ष निकाला गया कि यह पत्र वास्तव में धमकी भरा पत्र था।'
उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिकी अधिकारियों ने उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के असंतुष्ट सांसदों से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री ने कहा, 'विदेशी राजदूतों से मुलाकात करने में उनका क्या मतलब था? अविश्वास प्रस्ताव एक विदेशी षड्यंत्र था। यह सब जुड़ा हुआ है।'