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इमरान खान की चेतावनी, 'समय पर नहीं हुए चुनाव तो पाकिस्तान में फैल जाएगी अराजकता, बढ़ेगी आर्थिक तंगी'

Kajal Dubey
20 Jun 2022 2:59 PM GMT
इमरान खान की चेतावनी, समय पर नहीं हुए चुनाव तो पाकिस्तान में फैल जाएगी अराजकता, बढ़ेगी आर्थिक तंगी
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पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही चुनाव नहीं कराए गए तो देश का आर्थिक और राजनीतिक संकट और गहरा जाएगा।
अप्रैल में सत्ता में आने के बाद शहबाज सरकार द्वारा तीन बार पेट्रोलियम की कीमतों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ खान ने पिछले हफ्ते विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।
रविवार को एक वीडियो लिंक के जरिए प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि अगर समय से पहले चुनाव नहीं हुए तो देश की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति और खराब हो जाएगी। खान ने कहा, मैं आपको एक कॉल (लॉन्ग मार्च के लिए) दूंगा। अगर स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव नहीं हुए तो अराजकता फैल जाएगी।
उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी वापस लेने के सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व वाली पिछली पीटीआई सरकार (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार) ने कीमतें बढ़ाने की आईएमएफ की मांग का विरोध किया था।
खान ने कहा, "यह सरकार दो महीने के लिए आईएमएम कार्यक्रम में हैं, जबकि हम इसमें ढाई साल तक रहे। पूर्व प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने ईंधन की कीमतें बढ़ाने के लिए आईएमएफ की शर्तों के खिलाफ पेट्रोल की कीमतों में कमी की थी।
उन्होंने मौजूदा सरकार पर अर्थव्यवस्था को संभालने में अक्षम होने का भी आरोप लगया और चेतावनी दी कि अगर देश सोया रहे तो आने वाले दिनों में कीमतें और भी ज्यादा हो जाएंगी।
नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बढ़ती आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिसमें उच्च मुद्रास्फीति, घटते विदेशी मुद्रा भंडार, बढ़ते चालू खाते के घाटे और मुद्रा का अवमूल्यन शामिल है।
इंटर बैंक मार्केट में पाकिस्तानी रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 211 रुपये के सर्वकालिक निचले स्तर पर गिरकर अस्थिर रहा।
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 9 बिलियन से भी नीचे हैं। ऐसे में उसके पास विदेशों से आयात के लिए छह सप्ताह से भी कम का समय बचा है। अंतरराष्ट्रीय भुगतान में चूक से बचने के लिए पाकिस्तान आईएमएफ ऋण कार्यक्रम को फिर से जिंदा करने के लिए आवश्यक शर्तों को पूरा कर रहा है।
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार के अनुसार, इस्लामाबाद के एफ-9 पार्क, कराची के शाहरा-ए-कौदीन, लाहौर के लिबर्टी चौक, फैसलाबाद के घंटाघर चौक, रावलपिंडी के वाणिज्यिक बाजार, पेशावर के हश्त नगरी गेट, मुल्तान के शाह अब्दुल्ला चौक सहित विभिन्न शहरों में महंगाई विरोधी प्रदर्शन हुए।
रावलपिंडी में एक विरोध रैली को संबोधित करते हुए पूर्व संघीय मंत्री और पीटीआई नेता मुराद सईद ने कहा, "विश्व शक्तियां इमरान खान से डरती हैं, इसलिए उनके शासन के खिलाफ साजिश रची। इमरान खान ने कश्मीरियों के दर्द को आवाज दीद जबकि एक आयातित सरकार चोरों, लुटेरों और भ्रष्ट लोगों का एक समूह बन गया है।"
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने मौजूदा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए खान पर निशाना साधा और महंगाई के लिए पिछली सरकार की दोषपूर्ण नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। मरियम ने कहा, "पाकिस्तान को एक आत्मनिर्भर नेता की जरूरत है।"
मरियम ने कहा कि खान का महंगाई के खिलाफ विरोध उनकी अपनी दोषपूर्ण नीतियों के खिलाफ था। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "फितना (शरारती) खान ने महंगाई के खिलाफ विरोध का आह्वान किया जिसके लिए वह खुद जिम्मेदार हैं।"
उन्होंने कहा कि खान द्वारा बनाई गई नीतियों के चलते देश बहुत गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। तब खान कहते थे कि आलू और प्याज की दरें तय करने के लिए सत्ता में नहीं आए हैं।
69 वर्षीय खान को अप्रैल 2022 में अविश्वास मत के जरिए सत्ता से बाहर कर दिया गया था। खान ने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के फैसलों के कारण अमेरिका ने उनके खिलाफ साजिश रची।
पद से हटाए जाने के बाद से क्रिकेटर से नेता बने खान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और नए चुनावों का आह्वान कर रहे हैं। खान के शब्दों में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को आयात किया गया था और वह पाकिस्तानी लोगों के सच्चे प्रतिनिधि नहीं हैं।
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