विश्व
इमरान खान की बढ़ी 'टेंशन'! बढ़ती महंगाई और गिरते रुपये से पाकिस्तानी आवाम बेहाल
Shiddhant Shriwas
18 Oct 2021 12:11 PM GMT
x
पाकिस्तान (Pakistan) में बढ़ती महंगाई ने प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की नींद उड़ा दी है.
पाकिस्तान (Pakistan) में बढ़ती महंगाई ने प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की नींद उड़ा दी है. यही वजह है कि अब इमरान बढ़ती महंगाई (Inflation in Pakistan) से निपटने के लिए बैठकें करने लगे हैं. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पड़ोसी मुल्क में बढ़ती महंगाई से निपटने के उपायों पर चर्चा के लिए इमरान ने सोमवार को अहम बैठक बुलाई. पिछले हफ्ते इमरान सरकार ने पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतों में 10.49 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी. इससे हंगामा मच गया और विपक्षी दलों समेत आम लोगों ने सरकार के इस कदम की जमकर आलोचना की. इस वजह से दैनिक जरूरतों की चीजों की कीमतें बढ़ने का डर भी पैदा हो गया है.
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इमरान बढ़ती महंगाई से काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. ऐसे में ये माना जा रहा है कि इमरान बैठक में पाकिस्तानी आवाम को राहत देने के लिए अहम घोषणा कर सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि बढ़ती महंगाई और इस पर जनता की प्रतिक्रिया से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने रोडमैप तैयार किया है. इमरान संबंधित अधिकारियों को अपने रोडमैप के बारे में जानकारी देंगे. सूत्रों के अनुसार, प्रांतीय मुख्य सचिवों को भी बैठख में बुलाया गया है और डिप्टी कमीश्नरों को भी इस मुद्दे पर जानकारी देने का निर्देश दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि इमरान चाहते हैं कि बढ़ती महंगाई पर तुरंत काबू पाने के लिए कदम उठाए जाएं.
पाकिस्तानी रुपये में रिकॉर्ड गिरावट
बढ़ती महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया अब तक के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. पाकिस्तानी रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. सोमवार को इसमें 82 पैसे की गिरावट हुई. सोमवार को एक डॉलर 173 पाकिस्तानी रुपये के बराबर था. वहीं, इमरान ने पिछले हफ्ते कहा था कि पाकिस्तानी रुपये में हो रही गिरावट अस्थायी है और जल्द ही ये रिकवर हो जाएगा. पाकिस्तानी रुपये के गिरने से आयात की जाने वाली जरूरी वस्तुओं के बढ़ने की आशंका है. ऐसे में ये महंगाई को और बढ़ाने का काम करेगा.
क्यों गिर रहा है पाकिस्तानी रुपया?
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि डॉलर के मजबूत होने और पाकिस्तान रुपये के कमजोर होने की मुख्य वजह पाकिस्तान का चालू खाता घाटा और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की रुपये के और अवमूल्यन की मांग है. विश्लेषकों ने पहले भविष्यवाणी की थी कि डाउनट्रेंड के जल्द ही समाप्त होने की उम्मीद है, क्योंकि IMF और पाकिस्तान के बीच छह बिलियन डॉलर के कर्ज को लेकर बातचीत शुरू होने वाली है. माना गया कि इसकी वजह से पाकिस्तानी रुपये का मूल्य स्थिर हो जाएगा. हालांकि, अभी तक पाकिस्तान और IMF के बीच इस कर्ज को लेकर सहमति नहीं बन पाई है.
Next Story