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इमरान खान की पार्टी ने चुनाव आयोग के फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में दी चुनौती

Subhi
11 Aug 2022 1:00 AM GMT
इमरान खान की पार्टी ने चुनाव आयोग के फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में दी चुनौती
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) ने बुधवार को चुनाव आयोग (election commission) के फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf) ने बुधवार को चुनाव आयोग (election commission) के फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इससे पहले चुनाव आयोग ने पार्टी को प्रतिबंधित स्रोतों से धन हासिल करने और अपने बैंक खाते को छिपाने के लिए दोषी ठहराया था।

पाकिस्तान चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पूर्व पीएम खान के खिलाफ नोटिस जारी कर 23 अगस्त को पार्टी को प्रतिबंधित फंडिंग मामले की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था। आयोग ने पिछले सप्ताह कहा था कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने भारतीय बिजनेस मैन सहित 34 विदेशी नागरिकों से गैरकानूनी तरीके से धन प्राप्त किया। विदेशी नागरिकों से धन प्राप्त करने पर पार्टी को प्रतिबंधित किया जा सकता है।

चुनाव आयोग के फैसले को कोर्ट में चुनौती

पीटीआई ने चुनाव आयोग के इस फैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है। पार्टी के एडिशनल सेक्रेटरी जनरल (additional secretary general) उमर अय्यूब ने कोर्ट में रिट(writ) दायर कर चुनाव आयोग के फैसले को अवैध घोषित करने और पार्टी प्रमुख इमरान खान के खिलाफ जारी कारण बताओ नोटिस को रद्द करने की मांग की है। पार्टी की तरफ से तीन वकील कोर्ट में पक्ष रखेंगे।

चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस

पाकिस्तान चुनाव आयोग ने अपने बहुप्रतीक्षित फैसले में कहा था कि पीटीआई को अवैध तरीके से धन की प्राप्ति हुई है और पार्टी को एक नोटिस जारी कर पूछा गया है कि विदेश प्राप्त धन को जब्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए। पीटीआई के संस्थापक सदस्य रहे अकबर एस बाबर ने पार्टी में विदेशो से प्राप्त धन का पर्दाफाश किया था और इस संबंध में 14 नवंबर 2014 एक केस दर्ज कराया था।

खान ने फैसले को किया खारिज

पूर्व पीएम खान ने फैसले को खारीज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ षडयंत्र रचकर राजनीतिक प्रतिशोध लिया जा रहा है। पीटीआई प्रमुख खान ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC)सिकंदर सुल्तान राजा से इस्तीफा की मांग की। मालूम हो कि, मुख्य चुनाव आयुक्त ने ही फैसला सुनाने वाली तीन सदस्यीय बेंच का नेतृत्व किया था।

पूर्व पीएम इमरान खान ने गुरुवार को अपने एक भाषण में इस फैसले को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि साल 2012 में पार्टी को धन मिला था, हालांकि उस समय इस प्रकार के धन लेने पर कोई प्रतिबंधित नहीं था। उन्होंने अपने विरोधियों पर तकनीकी आधार पर उनको राजनीति से बाहर करने का आरोप लगाया है।


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