विश्व

संकट में इमरान खान की कुर्सी, जानें 10 बड़ी बातें

Neha Dani
23 March 2022 9:03 AM GMT
संकट में इमरान खान की कुर्सी,  जानें 10 बड़ी बातें
x
हालांकि ये इमरान खान के पक्ष में जा सकते हैं, अगर वह पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार को हटाने की उनकी मांगों को मान लेते हैं.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) को आज नहीं तो कल संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना ही पड़ेगा. फिर बेशक पाकिस्तान (Pakistan) का सुप्रीम कोर्ट सरकार के याचिका दायर करने के बाद बागी सांसदों की अयोग्यता के मुद्दे की जांच कर रहा हो. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नीत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Pakistan Power Struggle) में अर्जी देकर पार्टी के बागी सांसदों को अयोग्य करार दिए जाने के संबंध में अदालत से संवैधानिक आधार पर उसका विचार जानना चाहा है.

पीटीआई के करीब दो दर्जन सांसदों ने प्रधानमंत्री इमरान खान नीत सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उनके खिलाफ वोट देने की धमकी दी थी. पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 63-ए की व्याख्या 'प्रेसिडेंशियल रेफरेंस' के लिए महाधिवक्ता खालिद जवान खान ने यह अर्जी दी. संविधान के अनुच्छेद 63-ए के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव और धन विधेयक (बजट) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर पार्टी नेता के निर्देशों के खिलाफ मतदान करने वाला सांसद अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. लेकिन याचिका दायर करने के सरकार के इस कदम के पीछे की वजह अविश्वास प्रस्ताव में देरी करने का तरीका भी माना जा रहा है. चलिए, पाकिस्तान में सत्ता को लेकर जारी संघर्ष के बारे में 10 बड़ी बातें जान लेते हैं.
प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करने के लिए 25 मार्च को सदन का सत्र बुलाया जा सकता है. इसी दिन इसपर वोटिंग होने की संभावना है. इस प्रस्ताव को नेशनल असेंबली में 8 मार्च को दाखिल किया गया था. विपक्ष ने पीटीआई सरकार पर देश में आर्थिक संकट पैदा करने और महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाया है.
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने मंगलवार को दावा किया था कि इमरान खान के सहयोगी उनके साथ नहीं खड़े हैं. पीडीएम अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने कहा, 'वे (एमक्यूएम-पी) एक या दो दिन में घोषणा करेंगे कि वे हमारे साथ हैं. एमक्यूएम-पी नेतृत्व से मुलाकात के बाद, मैं पूरी तरह से संतुष्ट हूं कि अविश्वास प्रस्ताव सफल होगा.'
विपक्ष इमरान खान के खिलाफ एक लंबी रैली निकालने की योजना भी बना रहा है. पीएमएल-एन का काफिला बुधवार को कराची से रवाना होगा और 24 मार्च को इस्लामाबाद के लिए रवाना होगा.
इमरान खान ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर बागी सांसदों को अयोग्य करार देने पर उसके विचार पूछे हैं. सरकार ने अनुच्छेद 63-ए की दो व्याख्याएं प्रस्तुत की हैं और अदालत से अनुरोध किया है कि वे सलाह दें कि उन्हें किसका पालन करना चाहिए. इससे इमरान खान को कुर्सी पर बने रहने के लिए थोड़ा और वक्त मिल जाएगा.
इन दो व्याख्याओं में, सदस्य (सांसद) को सिर्फ पद से हटाना, अन्य कोई पाबंदी नहीं लगाना और जीवन भर के लिए अयोग्य घोषित करना और उसका मतदान पर कोई असर नहीं पड़ना शामिल है.
इमरान खान की पार्टी (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट से यह आदेश प्राप्त करने का प्रयास कर रही है कि इन बागी सांसदों के वोट की गिनती ना हो, ताकि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने वाले उसके सांसदों के मत प्रधानमंत्री के खिलाफ पड़े कुल वोट में ना गिने जाएं.
पाकिस्तान की सेना इस मामले में तटस्थ बनी हुई है. पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान से ओआईसी (Organisation of Islamic Countries) की बैठक के बाद इस्तीफा देने को कहा है, जो मंगलवार से बुधवार तक चलेगी.
इमरान खान को पद से हटाने के लिए पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल एसेंबली में विपक्ष को 172 वोटों की जरूरत है. पीटीआई का दावा है कि उसके पास 192 सदस्य हैं लेकिन रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पीटीआई के कई विधायकों ने सिंध हाउस में शरण ली हुई है.
सदन में पीटीआई के पास 155 सदस्य हैं और उसे सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों का समर्थन चाहिए. पार्टी को कम से कम छह राजनीतिक दलों के 23 सांसदों का समर्थन प्राप्त है.
ये भी कहा जा रहा है कि जो लोग कभी इमरान खान के पूर्व सहयोगी थे, वो अब उन्हीं के खिलाफ खड़े हैं. हालांकि ये इमरान खान के पक्ष में जा सकते हैं, अगर वह पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार को हटाने की उनकी मांगों को मान लेते हैं.


Next Story