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इमरान खान को जंग का मजा लेना भारी पड़ेगा, रूस को तो हम देख लेंगे: बाइडेन

Admin Delhi 1
25 Feb 2022 1:07 PM GMT
इमरान खान को जंग का मजा लेना भारी पड़ेगा, रूस को तो हम देख लेंगे: बाइडेन
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यूक्रेन पर रूस के बढ़ते हमले एक नया भयावह मंजर का संकेत दे रहा है। दुनिया के कई देशों ने रूस के इस कदम की घनघोर निंदा की है।खासकर अमेरिका और नाटो देशों ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाना शूरू कर दिया है। लेकिन रूस ने यूक्रेन पर जब जंग का एलान किया जो उसी दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान रूस दौरे पर पहुंचे। जिसे लेकर अमेरिका ने बिना नाम लेते हुए कहा है कि, हम पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे। बता दें कि, रूस और यूक्रेन जंग के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान रूस पहुंचे। जहां वो पाकिस्तान को कर्ज से उबारने के लिए कटोरा लेकर पुतिन के सामने हाजिर हुए। इमरान खान जब रूस पहुंचे तो उन्होंने कहा कि, 'मैं कितने सही समय पर यहां आया हूं, मैं बहुत उत्सुक हूं।' कुछ देर बाद वह दोहराते हैं, 'मैं बहुत उत्सुक हूं।' उनके इस बयान की दुनियाभर में निंदा हो रही है। इमरान खान की मुलाकात के बाद अमेरिका भन्ना उठा है और कहा है कि जो भी रूस का साथ देगा उसे हम बर्बाद कर देंगे।


राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मास्को का समर्थन करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि रूस के नेता व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन पर आक्रमण का समर्थन करने वाला कोई भी देश बर्बादी की राह पर आकर खड़ा हो जाएगा। उनकी ये चेतावनी खासतौर से पाकिस्तान के लिए मानी जा रही है। क्योंकि, युद्ध के दौरान पाकिस्तान ही इकलौता ऐसा देश है जिसके प्रधानमंत्री मॉस्कों में पुतिन से तालमेल बैठाने गए थे। वहीं, जब बाइडेन से यह पूछा गया कि क्या भारत आपके साथ खड़ा है? तो उन्होंने साफ कहा कि इसको लेकर भारत से बातचीत चल रही है। हालांकि, भारत ने यूक्रेन के मुद्दे पर बीच का रास्ता अपनाया है, क्योंकि इसकी दोनों देशों से अच्छी दोस्ती है। वहीं, अमेरिका संग भी भारत के संबंध अच्छे हैं। बाइडेन ने कहा कि, रूस के सैन्य अभियान के बाद यूक्रेन संकट पर अमेरिका भारत के साथ चर्चा करेगा।

वहीं, बाइडेन ने कहा कि अगर रूस अमेरिका पर हमला करता है तो अमेरिका जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने नाटो बलों की सहायता के लिए और ज्यादा बल भेजने की भी घोषणा की। इसके साथ ही बाइडेन ने कहा कि, प्रतिबंधों को रूसी बैंकों, कुलीन वर्गों और उच्च तकनीक क्षेत्रों पर लक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी रूस के चार बड़े बैंकों की संपत्ति पर रोक लगाएंगे। निर्यात नियंत्रण लागू करेंगे और कुलीन वर्गों पर प्रतिबंध लगाएंगे।

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