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ब्रिटिश कंपनी के भ्रष्टाचार वाले खुलासे से इमरान खान ने नवाज पर साधा निशाना
Deepa Sahu
13 Jan 2021 1:59 PM GMT
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एक ब्रिटिश कंपनी के नवाज शरीफ समेत अन्य विपक्षी नेताओं के भ्रष्टाचार पर किए गए
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: इस्लामाबाद | एक ब्रिटिश कंपनी के नवाज शरीफ समेत अन्य विपक्षी नेताओं के भ्रष्टाचार पर किए गए खुलासे को लेकर पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है। इस बीच मौका भुनाते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा है। इतना ही नहीं, लगातार किए गए ट्वीट में इमरान ने पाकिस्तानी अवाम से इस मुद्दे पर साथ मांगा। बता दें कि इमरान खान के खिलाफ वहां की विपक्षी पार्टियां पूरे जोर-शोर से रैलियां कर रही हैं। इसमें उमड़ रही भारी भीड़ देखकर इमरान खान के होश उड़े हुए हैं।
ब्रिटिश कंपनी ने नवाज शरीफ पर लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ब्रॉडशीट एलएलसी के मालिक कावेह मौसावी ने कहा था कि उनकी कंपनी पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अन्य ने दबाव डाला था तथा उसके पास कुछ अन्य पाकिस्तानियों के धन शोधन के बारे में साक्ष्य हैं। मौसावी ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने अपनी विदेशी संपत्ति के खिलाफ जांच रोकने के लिए रिश्वत की पेशकश की थी। उन्होंने यह भी कहा कि 2012 में खुद को शरीफ का भतीजा बताते हुए एक व्यक्ति ने इस संबंध में एक सौदे की पेशकश की थी।
इमरान ने ब्रिटिश कंपनी से मांगा सहयोग
इमरान खान ने ट्वीट किया कि पनामा पेपर्स ने अब से पहले हमारे नेताओं के भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग को उजागर किया गया था। अब ब्रॉडशीट ने हमारे कुछ नेताओं के भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का एक बार फिर खुलासा किया है। ये खुलासे एक बड़े प्रकरण का महज एक छोटा सा हिस्सा भर है। हम हमारे (पाकिस्तान के) नेताओं के मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में और जांच रोकने वाले व्यक्ति के बारे में ब्रॉडशीट से पूर्ण पारदर्शिता चाहते हैं।
इमरान बोले- विदेशों में पैसा छिपाते हैं हमारे नेता
उन्होंने कहा कि ये नेता सत्ता में आते हैं और देश में लूट-खसोट करते हैं। वे गलत तरीके से प्राप्त किये गये लाभ को विदेशों में छिपाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग करते हैं। इसके बाद वे अपने राजनीतिक रसूख की आड़ में राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) हासिल करते हैं। इस तरह से वे लोग लूट-खसोट की अपनी रकम को सुरक्षित रखते हैं। उन्होंने कहा कि देश को इसके परिणाम भुगतने पड़ते हैं। ये नेता इन अंतरराष्ट्रीय खुलासों पर खुद को पीड़ित पक्ष के तौर पर पेश कर अपना बचाव नहीं कर सकते।
क्या है राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश
राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो, उनके पति आसिफ अली जरदारी और दर्जनों अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को माफ करने के लिए 2007 में लाया था, ताकि उनके साथ एक राजनीतिक समझौता किया जा सके। यह कानून राजनीतिक सौदेबाजी करने के लिए एक राजनतिक रियायत का पर्याय बन गया है।
जांच के लिए इमरान ने बनाई समिति
मौसावी के खुलासे के बाद खान ने ऊपर उल्लेख किये गये लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक अंतरमंत्रालयी समिति गठित की है। सूचना मंत्री शिबली फराज ने कहा कि कैबिनेट ने एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित की है, जो ब्रॉडशीट कांड में उल्लेख किये गये व्यक्तियों के नामों का खुलासा करेगी। उन्होंने कहा कि खान ने जांच के बाद उन नामों को सार्वजनिक करने का फैसला किया है।
इमरान के निशाने पर हैं नवाज शरीफ
डॉन समाचारपत्र की खबर के मुताबिक ब्रिटिश कंपनी से जुड़े एक वकील ने बताया था कि ब्रॉडशीट जांच में मुख्य निशाने पर शरीफ हैं। उल्लेखनीय है कि 70 वर्षीय शरीफ पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे हैं, जहां वह इलाज के लिए गये थे। लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें इलाज के लिए चार हफ्तों के वास्ते विदेश जाने की अनुमति दी थी। पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ, भ्रष्टाचार के दो मामलों में अदालत में पेश होने में नाकाम रहें, जिसके बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है।
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