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प्रधानमंत्री खान भीख मांगने का कटोरा लेकर दुनिया की चौखट पर घूम रहे हैं और पूरे पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिला रहे हैं।
पाकिस्तान में विपक्षी दलों के हमलों से घिरे इमरान खान ने एक और नया शिगूफा छोड़ा है। उन्होंने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) (Pakistan Democratic Movement) पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष गठबंधन चाहता है कि सेना मेरी हुकूमत को गिरा दे। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक कहने वाले राजनीतिक दल पाकिस्तान की सेना से यह उम्मीद कर रही हैं कि वह मेरी निर्वाचित सरकार को गिरा दे। पाकिस्तान के अखबार जंग के अनुसार इमरान ने कहा कि पाकिस्तान की स्थापना के बाद देश में सिस्टम बदलने का सबसे बड़ा संघर्ष इस वक्त चल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विपक्ष मेरी सरकार को गिराने के लिए कुछ भी करने को तैयार है।
विपक्ष की लड़ाई निजी स्वार्थ के लिए है
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर प्रहार करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई निजी स्वार्थ के लिए है। इमरान ने कहा कि इन नेताओं के अरबों रुपये बाहर पड़े हुए हैं। उधर, केंद्रीय रक्षा मंत्री परवेज खटक ने भी विपक्षी गठबंधन को अब केवल दो पार्टियों का गठबंधन करार दिया है। केंद्रीय मंत्री परवेज के अनुसार पीडीएम में अब केवल मुस्लिम लीग (नवाज) और जमीयत-उल-इस्लाम (जेयूआई) रह गई है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी अब पीडीएम का हिस्सा नहीं है।
11 विपक्षी दलों का गठबंधन है पीडीएम
बता दें कि पाकिस्तान में 11 विपक्षी दलों का गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट मुल्क की सियासत में सेना के दखल का भी आरोप लगा रहा है। पीडीएम का गठन बीते सितंबर महीने में हुआ था। इसके बाद से इस गठबंधन ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इमरान सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन लगातार बड़ी रैलियां आयोजित कर रहा है। पीडीएम पाकिस्तान की सेना पर साल 2018 में हुए आम चुनाव में धांधली के जरिए कठपुतली प्रधानमंत्री बनाने का आरोप लगाता रहा है। विपक्षी दलों ने 'लाहौर घोषणापत्र' पर हस्ताक्षर किए थे। इस घोषणा पत्र में कहा गया है कि सेना ने साल 2018 के चुनाव में जनादेश को प्रभावित किया और मुल्क पर एक 'अक्षम' सरकार को लाकर बैठा दिया था। हालांकि, सेना भी पाकिस्तान की राजनीति में दखलंदाजी की बात से इनकार करती रही है।
इमरान के खिलाफ सख्त हुए विपक्ष के तेवर
हाल के दिनों में पाकिस्तान में विपक्ष हर तरह से प्रधानमंत्री इमरान खान को घेरने की कोशिश में लगा हुआ है। राजनीतिक दल पीएमएल-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने अपनी पार्टी की आर्थिक सलाहकार परिषद से कहा था कि वह इमरान सरकार की आर्थिक नीतियों की समीक्षा करे और उसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को जनता के बीच सभी जानकारियों के साथ सक्रिय करें। शहबाज ने एक वर्चुअल बैठक में कहा था कि पाक में इस समय मुद्रास्फीति, चरम पर है। बेरोजगारी के साथ ही आर्थिक मोर्चे पर सरकारी पूरी तरह फेल हो गई है। कुछ दिन पहले पाकिस्तान पीपुल्प पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने प्रधानमंत्री इमरान खान पर जोरदार हमला बोला था। बिलावल ने कहा था कि प्रधानमंत्री खान भीख मांगने का कटोरा लेकर दुनिया की चौखट पर घूम रहे हैं और पूरे पाकिस्तान की प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिला रहे हैं।
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