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इमरान खान बोले- सत्ता परिवर्तन के बाद गृहयुद्ध की ओर बढ़ रहा पाकिस्तान, बचना है तो चुनाव की घोषणा कर दो

Renuka Sahu
2 Jun 2022 6:26 AM GMT
Imran Khan said - Pakistan is moving towards civil war after the change of power, if you want to survive then announce elections
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फाइल फोटो 

पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद गृहयुद्ध के आसार नजर आ रहे हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद गृहयुद्ध के आसार नजर आ रहे हैं। इसकी एक बानगी पिछले दिनों इस्लामाबाद में देखने को मिली जब इमरान खान के समर्थकों ने राजधानी में जमकर उत्पात मचाया। अब खुद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को चेतावनी दी कि अगर चुनाव की घोषणा नहीं की गई तो देश गृहयुद्ध में उतर जाएगा।

बोल न्यूज कार्यक्रम ताजजिया के एंकर सामी इब्राहिम के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "हम देखेंगे कि क्या वे हमें कानूनी और संवैधानिक तरीकों से चुनाव की ओर जाने की अनुमति देते हैं अन्यथा यह देश गृहयुद्ध की ओर बढ़ जाएगा।" इमरान ने आगे कहा कि नेशनल असेंबली में लौटने का "कोई सवाल ही नहीं" था क्योंकि इसका मतलब "उस साजिश को स्वीकार करना" होगा जिसने उनकी सरकार को गिराने का काम किया।
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उन्होंने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा प्रदान करने के वास्ते उनकी पार्टी द्वारा दायर याचिका पर फैसला करने के लिए शीर्ष अदालत का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला आने के बाद ही वे अगले मार्च की तारीख जारी करेंगे।
'पीएम के रूप में पूर्ण शक्ति नहीं थी'
इमरान खान स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री रहते हुए उनके हाथों में पूरी पावर नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि देश में सत्ता के वास्तविक केंद्र कहीं और हैं और "हर कोई जानता है कि वह कहां है।" दरअसल पाकिस्तान की सत्ता में वहां की सेना का बड़ा दबदबा है। सेना जिसे चाहती है वही पाकिस्तान की सत्ता की कुर्सी पर विराजमान होता है।
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इमरान ने कहा कि सत्ता में आने पर उनकी सरकार "कमजोर" थी और उन्हें गठबंधन सहयोगियों की तलाश करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि अगर फिर से वही स्थिति पैदा होती है, तो वह फिर से चुनाव का विकल्प चुनेंगे और बहुमत की सरकार की तलाश करेंगे या सरकार नहीं बनाएंगे।
पाकिस्तानी सेना पर उठाए सवाल
बिना किसी का नाम लिए पाकिस्तानी सेना पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "हमारे हाथ बंधे हुए थे। हमें हर जगह से ब्लैकमेल किया गया था। सत्ता हमारे पास नहीं थी। हर कोई जानता है कि पाकिस्तान में सत्ता कहां है, इसलिए हमें उन पर निर्भर रहना पड़ा।"
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पाकिस्तानी सेना "हम हर समय उन पर निर्भर रहते थे। उन्होंने बहुत सारे अच्छे काम भी किए लेकिन उन्होंने बहुत से काम नहीं किए जो किए जाने चाहिए थे। उनके पास शक्ति है क्योंकि वे एनएबी (राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो) जैसे संस्थानों को नियंत्रित करते हैं, जो कि हमारे नियंत्रण में नहीं था।"
उन्होंने दावा किया कि जहां सारी जिम्मेदारी उनकी सरकार पर थी, वहीं उसके पास सारी शक्ति और अधिकार नहीं थे। उन्होंने कहा, "अगर मेरे पास जिम्मेदारी है लेकिन कोई पूर्ण शक्ति और अधिकार नहीं है तो कोई भी मैनेजमेंट काम नहीं करता है। एक प्रणाली तभी काम करती है जब जिम्मेदारी और अधिकार एक ही स्थान पर हों।" इमरान ने कहा कि दुश्मनों से उत्पन्न खतरे के कारण देश के लिए एक "मजबूत सेना" होना अनिवार्य है, लेकिन कहा कि एक मजबूत सेना और एक मजबूत सरकार होने के बीच एक "संतुलन" करने की भी आवश्यकता है।
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