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अमेरिका के पूर्व एनएसए ने तालिबान के बढ़ते कदमों के लिए पाकिस्तान को ही जिम्मेदार ठहराया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा तवज्जो न दिए जाने का दर्द एक बार फिर से इमरान खान की जुबानी साफतौर पर दिखाई दिया है। अपने सरकारी आवास पर एक विदेशी पत्रकार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने इस पर न केवल अफसोस जताया है बल्कि ये भी कहा है कि भारत के अमेरिका के साथ जाने के बाद से ही उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है। अफगानिस्तान के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अपना रणनीतिक सहयोगी भारत को बनाया है। तब से ही पाकिस्तान को पूरी तरह से ताक पर रखा जा रहा है। इमरान खान ने ये भी कहा कि दो दशकों तक अमेरिका अफगानिस्तान में सेना के सहयोग से वहां का हल तलाश कर रहा था। इसमें वो पूरी तरह से विफल रहा है।
उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका के वापसी की राह पकड़ने के बाद से अफगानिस्तान के हालात काफी खराब हुए हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन ने 31 अगस्त तक अपनी और नाटो सेना को वहां से पूरी तरह से हटाने की बात कही है और इसको देखते हुए वो पूरी तैयारी में जुटा है। इमरान खान ने कहा कि दो दशकों तक जब अमेरिका के हाथ कुछ नहीं लगा तो वो पाकिस्तान का इस्तेमाल करना चाहता है। आपको बता दें कि पाकिस्तान इस बात से कहीं अधिक दुखी है कि इस वर्ष जनवरी में सत्ता में आने के बाद भी बाइडन ने इमरान खान से कोई बात नहीं की है। पाकिस्ताना के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने हाल ही में इसको लेकर बयान दिया था।
उनका कहना था कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान का अहम रोल रहा है। इसके बावजूद भी अमेरिका ने पाकिस्तान की भूमिका को कभी तवज्जो नहीं दी है। आपको बता दें कि अफगानिस्तान के मुद्दे पर अमेरिका की तरफ पाकिस्तान को लेकर काफी तीखी बयानबाजी तक सामने आई है। अमेरिका के पूर्व एनएसए ने तालिबान के बढ़ते कदमों के लिए पाकिस्तान को ही जिम्मेदार ठहराया था।
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