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इमरान खान ने 'औरत मार्च' का विरोध करने को लिया हिजाब का सहारा, कट्टरपंथी सोच का विपक्ष ने भी किया समर्थन

Bhumika Sahu
22 Feb 2022 6:48 AM GMT
इमरान खान ने औरत मार्च का विरोध करने को लिया हिजाब का सहारा, कट्टरपंथी सोच का विपक्ष ने भी किया समर्थन
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पाकिस्तान में महिलाएं 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित होने वाले 'औरत मार्च' की तैयारी कर रही हैं। वहीं, इमरान खान सरकार रूढ़िवाद को बढ़ावा देने के लिए हिजाब का सहारा लेकर महिला सशक्तिकरण के उनके प्रयासों को विफल करने की कोशिश कर रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पाकिस्तान में महिलाएं 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित होने वाले 'औरत मार्च' की तैयारी कर रही हैं। वहीं, इमरान खान सरकार रूढ़िवाद को बढ़ावा देने के लिए हिजाब का सहारा लेकर महिला सशक्तिकरण के उनके प्रयासों को विफल करने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तान के ही एक थिंक टैंक पॉलिसि रिसर्च ग्रुप (POREG) ने यह बात कही है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हर साल पाकिस्तानी महिलाओं द्वारा आयोजित होने वाले 'औरत मार्च' को वापस लेने के लिए धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल हक कादरी ने प्रधानमंत्री इमरान खान से 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय हिजाब दिवस घोषित करने की अपील की है। मंत्री ने दावा किया है कि 2018 से इस दिन आयोजित होने वाला यह 'औरत मार्च' इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है।
थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान को लिखे अपने पत्र में कादरी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की स्थिति को पाकिस्तान में बदलने के लिए एक उपाय का सुझाव दिया है, जिसका उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाना है।
मंत्री ने पीएम इमरान को लिखे पत्र में कहा है, "किसी भी संगठन को औरत मार्च या अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के संबंध में आयोजित किसी भी अन्य कार्यक्रम में इस्लामी मूल्यों, समाज के मानदंडों, हिजाब या मुस्लिम महिलाओं की विनम्रता पर सवाल उठाने या उपहास करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ये कृत्य देश में मुसलमानों की भावनाओं को आहत करते हैं।"
हालांकि, कादरी के बयान की महिला सांसदों, राजनयिकों और नेताओं ने आलोचना की है। इसके बाद उन्होंने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा, "अधिकारों के नाम पर अश्लीलता और गुंडागर्दी की अनुमति किसी भी परिस्थिति में नहीं दी जानी चाहिए।"
औरत मार्च पहली बार 2018 में कराची शहर में आयोजित किया गया था। उसके बाद अब हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए इसे आठ मार्च को आयोजित किया जाता है। इस मार्च में पाकिस्तान में महिलाओं के सामने आने वाले मुद्दों पर प्रकाश डाला जाता है।
विडंबना यह है कि पाकिस्तान में कुप्रथा और पितृसत्ता ने कट्टर प्रतिद्वंद्वियों को भी एकजुट कर दिया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार और विपक्षी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) दोनों ही 'औरत मार्च' का विरोध करने के लिए एक साथ आए हैं।


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