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इसे दुनियाभर की 150 से ज्यादा न्यूज ऑर्गनाइजेशंस के साथ शेयर किया गया है.
विपक्ष का कहना है कि अभी तो इमरान के बारे में कई चीजें पता लगाने वाली हैं. उनका कहना था कि इमरान वो नेता हैं जिन्होंने पूरे देश में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम छेड़ी थी जबकि वो खुद को विदेशी तोहफों के सच पर बचाते आए हैं.
पाकिस्तान (Pakistan) में पंडोरा पेपर्स लीक (Pandora Papers Leak) मामले में अब प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. विपक्ष और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की तरफ से मांग की गई है कि इमरान को अपने पद से अब इस्तीफा दे देना चाहिए.
पीएमएल-एन के सेक्रेटरी अहसान इकबाल ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा कि इमरान को अब इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उनका नाम तोशखाना केस में आया है. साथ ही पंडोरा पेपर्स में भी उनका नाम होगा. अहसान इकबाल के मुताबिक पंडोरा पेपर्स में नाम आने के बाद अब उनके पास पद पर बने रहने को कोई भी नैतिक कारण नहीं रह जाता.
अभी सामने आने हैं कई सच
इकबाल ने कहा कि अभी तो इमरान के बारे में कई चीजें पता लगाने वाली हैं. उनका कहना था कि इमरान वो नेता हैं जिन्होंने पूरे देश में भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम छेड़ी थी जबकि वो खुद को विदेशी तोहफों के सच पर बचाते आए हैं. इमरान पर पीएमएल-एन ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अभी तक देश को इस बारे में जानकारी नहीं दी है कि उन्हें कितने विदेशी तोहफे मिले हैं.
इकबाल ने इमरान को देश में बढ़ती हुई महंगाई का दोषी भी ठहराया और कहा कि ये सब कुछ सरकार की गलत नीतियों का ही नतीजा है. इकबाल के शब्दों में, 'आज जो व्यक्ति 25,000 से 30,000 रुपए कमाता है, वो सम्मानपूर्वक अपने पूरे घर का खर्च नहीं उठा सकता है.' पंडोरा पेपर्स ने 700 पाकिस्तानियों और पीएम इमरान की कैबिनेट में शामिल लोगों के नाम उजागर किए हैं. इनमें इमरान के वित्त मंत्री से लेकर उनके परिवार और बड़े वित्तीय सहायकों के नाम तक शामिल हैं.
वित्त मंत्री शौकत फयाज तारीन और उनके परिवार के अलावा इमरान खान के पूर्व सलाहकार के बेटे वकार मसूद खान का नाम भी पंडोरा पेपर्स में आया है. इसके अलावा उनकी पार्टी पीटीआई के टॉप डोनर आरिफ नकवी का नाम भी इसमें है. आरिफ इस समय अमेरिका में धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहे हैं.
क्या है पंडोरा पेपर्स लीक
इंटरनेशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) की तरफ से कहा गया है कि पाक के एलीट क्लास ने पनामा पेपर्स की फाइंडिंग्स में आए प्रतिद्वंदी की सेवाओं का प्रयोग किया. पनामा पेपर्स में पूर्व पीएम नवाज शरीफ के परिवार का नाम आया था और इसकी वजह से ही 3 साल पहले इमरान को सत्ता पर काबिज होने में मदद मिली थी. पंडोरा पेपर्स की जांच के लिए 11.9 मिलियन से ज्यादा गुप्त फाइलों की मदद ली गई. इन फाइलों को 14 विदेशी कंपनियों से हासिल किया गया और इसे दुनियाभर की 150 से ज्यादा न्यूज ऑर्गनाइजेशंस के साथ शेयर किया गया है.
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