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किसी भी वक्त इमरान खान को पीएम की कुर्सी से धोना पड़ सकता है हाथ

Nilmani Pal
31 March 2022 1:16 AM GMT
किसी भी वक्त इमरान खान को पीएम की कुर्सी से धोना पड़ सकता है हाथ
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पाकिस्तान। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्ता किसी भी वक्त जा सकती है. वे कुर्सी बचाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी कुर्सी बचती नजर नहीं आ रही है. दरअसल, 30 मार्च को इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सहयोगी पार्टी MQM ने भी विपक्ष का दामन थाम लिया. इसके बाद उनकी सरकार अल्पमत में आती नजर आ रही है. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 342 सदस्य हैं. बहुमत के लिए 172 सदस्यों की जरूरत होती है. MQM के विपक्ष के साथ जाने के बाद इमरान के पास 164 सदस्यों का समर्थन बचा है. इसमें PTI के 155, PMLQ के 4, GDA के 3, BAP के 1 और AML का एक सदस्य शामिल है. वहीं विपक्ष को 175 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है. इसमें PMLN के 84, PPP के 56, MQMP के 7, MMA के 14, निर्दलीय 3, PML-Q का 1, ANP का 1, BNPM के 4, BAP के 4 और JWP का 1 सदस्य शामिल है.

इमरान खान को सत्ता से हटाने में पाकिस्तान की सेना का बहुत बड़ा हाथ माना जा रहा है. 2018 में पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज हुए इमरान खान अब पाकिस्तान की फौज को हजम नहीं हो रहे हैं. इसकी नजराना हाल ही में इमरान के उस बयान से भी मिल गया, जब उन्होंने भारतीय सेना की तारीफ कर दी. इमरान ने कहा था कि भारत की सेना सरकार के फैसलों में दखल नहीं देती है.

इस तरह आया इमरान की कुर्सी पर संकट

1. साल 2018 में इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली.

2. साल 2019 में इमरान ने सेना प्रमुख जनरल बाजवा का कार्यकाल बढ़ा दिया.

3. अक्टूबर 2021 में आईएसआई चीफ के ट्रांसफर को लेकर इमरान और बाजवा के बीच तनातनी हो गई.

4. जनवरी 2022 में इमरान ने सेना पर विपक्ष से डीलबाजी का आरोप लगाया.

5. 10 मार्च 2022 को पाक आर्मी ने कहा कि वो न्यूट्रल है, दावा है कि मदद ना मिलने से इमरान नाराज हो गए.

6. 20 मार्च 2022 को इमरान खान ने भारतीय सेना की तारीफ कर दी.

7. 30 मार्च को पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान से 3 घंटे मुलाकात की.

इन कारणों से भी इमरान को हुआ नुकसान

इमरान सरकार में पाकिस्तानी रुपया बेहद कमजोर होता चला गया. 2018 के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले 123 से गिरकर 177 पर पहुंच गया. इमरान सरकार में बेरोजगारी दर 3 फीसदी से बढ़कर 6 फीसदी हो गई. जब इमरान पर दबाव बढ़ने लगा तो उन्होंने कह दिया कि मैं टमाटर और आलू की कीमतें काबू में रखने के लिए प्रधानमंत्री नहीं बना हूं.


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