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2003 की धारा 5 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत (Pakistan's Anti-Terrorism Court) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की अंतरिम जमानत की अवधि 12 सितंबर तक बढ़ा दी है। इससे पहले अगस्त में इस्लामाबाद के सदर मजिस्ट्रेट अली जावेद की शिकायत पर PTI प्रमुख इमरान खान पर 20 अगस्त को हुई रैली के दौरान संघीय राजधानी की एक महिला न्यायाधीश को धमकी देने का मामला दर्ज किया गया था।
अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ी
अदालत द्वारा जारी समन के जवाब में इमरान खान आज दोपहर व्यक्तिगत रूप से सुनवाई में शामिल होने के लिए अदालत में पेश हुए। स्थानीय टीवी चैनल ARY News की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिम जमानत की अवधि 12 सितंबर तक बढ़ाते हुए, अदालत ने खान को 1 लाख रुपए जमानत के रूप में जमा करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि इमरान खान के खिलाफ प्राथमिकी में चार नई धाराएं 186, 504, 506 और 188 जोड़ी गई हैं।
आतंकवाद रोधी अदालत में सुनवाई
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री ने आतंकवाद विरोधी अदालत (ATC) से एक मामले में जमानत प्राप्त की थी, जहां उन पर एक महिला न्यायाधीश और इस्लामाबाद पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धमकी भरे भाषण के लिए आतंकवाद कानून के तहत आरोप लगाया गया था। ATC ने 1 सितंबर तक PTI अध्यक्ष की अंतरिम जमानत को 1 लाख रुपये के मुचलके के खिलाफ मंजूरी दे दी और उन्हें फिर से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।
क्या है मामला
20 अगस्त को इस्लामाबाद में अपने भाषण में कथित रूप से अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी को धमकी देने के आरोप में इमरान खान के खिलाफ मारगल्ला पुलिस स्टेशन में आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था। स्थानीय अखबार डान के अनुसार, शुरुआत में खान के खिलाफ आपराधिक के साथ-साथ न्यायिक अवमानना, अदालत की अवमानना अध्यादेश, 2003 की धारा 5 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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