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इमरान खान ने भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, संयुक्‍त राष्‍ट्र से लगाई गुहार

Neha Dani
5 Jan 2022 5:25 AM GMT
इमरान खान ने भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, संयुक्‍त राष्‍ट्र से लगाई गुहार
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सुधार करने की जिम्म्मेदारी भारत की है। कुरैशी ने कहा कि भारत के साथ शांति कश्मीर मुद्दे का हल किये बगैर संभव नहीं है।

जम्‍मू-कश्‍मीर में कई आतंकियों के संहार से बौखलाए पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से पीएम मोदी और कश्‍मीर पर जहरीला बयान दिया है। इमरान खान ने कहा कि कश्‍मीर में संयुक्‍त राष्‍ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने का संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। पाकिस्‍तानी पीएम ने आरोप लगाया कि हिंदुओं का समर्थन करने वाली मोदी सरकार ढिठाई से सुरक्षा परिषद के प्रस्‍तावों का उल्‍लंघन कर रही है और कश्‍मीर में जनसंख्‍या को बदलने का प्रयास कर रही है।

इमरान खान ने ट्वीट करके कहा कि मोदी सरकार अंतरराष्‍ट्रीय मानवीय कानूनों और अंतरराष्‍ट्रीय समझौतों का उल्‍लंघन कर रही है। मोदी सरकार ने कश्‍मीर का दर्जा बदलकर और जनसंख्‍या को बदलने का प्रयास करके युद्ध अपराध किया है। पाकिस्‍तानी पीएम ने अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय खासकर संयुक्‍त राष्‍ट्र से मांग की कि कश्‍मीर में युद्ध अपराध के लिए भारत के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। उन्‍होंने दावा किया कि पाकिस्‍तान कश्‍मीरी लोगों के आत्‍मनिर्णय के लिए जारी संघर्ष में पूरी निष्‍ठा के साथ खड़ा है।
पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने दिया था भारत को न्‍योता


इमरान खान ने यह जहरीला बयान ऐसे समय पर दिया है जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को कहा था कि उनका देश 19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय नेतृत्व यदि इस्लामाबाद आने को इच्छुक नहीं है, तो यह पड़ोसी देश (भारत) इसमें डिजिटल माध्यम से शामिल हो सकता है। कुरैशी ने भारत पर शिखर बैठक के लिए इस्लामाबाद आने से इनकार कर अपनी हठधर्मिता के जरिए 'क्षेत्रीय सहयोग के लिए दक्षिण एशियाई संगठन' को निष्क्रिय करने का आरोप लगाया
कुरैशी ने कहा, 'मैं 19वें दक्षेस शिखर सम्मेलन के लिए फिर से न्योता देता हूं। यदि भारत इस्लामाबाद आने को इच्छुक नहीं है तो वह डिजिटल माध्यम से इसमें शामिल हो सकता है ...लेकिन उसे अन्य देशों को इसमें शरीक होने से नहीं रोकना चाहिए। ' सार्क अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका का एक क्षेत्रीय संगठन है। यह 2016 से बहुत प्रभावी नहीं रहा है और इसकी शिखर बैठक 2014 (काठमांडू) के बाद नहीं हुई है। सार्क शिखर सम्मेलन पर कुरैशी का यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा पिछले महीने यह उम्मीद जताये जाने के बाद आया है कि उनका देश शिखर सम्मेलन की राह में पैदा किये गये कृत्रिम अवरोध को हटाये जाने के बाद इस बैठक की मेजबानी करेगा।
भारत के साथ 2021 में संबंधों में कोई प्रगति नहीं हुई: कुरैशी
कुरैशी ने 2021 में भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों में कोई बदलाव नहीं होने का जिक्र करते हुए दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों की संभावना को बिगाड़ने के लिए भारत में 'हिंदुत्ववादी सोच' के वर्चस्व को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से, भारत के साथ 2021 में संबंधों में कोई प्रगति नहीं हुई। हमारे विचार से, हाल के वर्षों में आक्रामक हिंदुत्व व्यवहार से क्षेत्रीय सहयोग प्रभावित हुआ है।' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है लेकिन संबंधों में सुधार करने की जिम्म्मेदारी भारत की है। कुरैशी ने कहा कि भारत के साथ शांति कश्मीर मुद्दे का हल किये बगैर संभव नहीं है।

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