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उनके खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो और संघीय जांच एजेंसी में भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद को सत्ता से बेदखल किए जाने के पीछे ''विदेशी साजिश'' होने का आरोप दोहराया और कहा कि जब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, तब वह जानते थे कि ''मैच फिक्स'' है. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख खान ने शनिवार रात एक रैली को संबोधित करते हुए लोगों से सवाल किया कि क्या उन्हें लगता है कि उनकी (खान की) सरकार ''साजिश या हस्तक्षेप'' की शिकार हुई है. उनका इशारा अप्रत्यक्ष तौर परएक शीर्ष अधिकारी के हालिया संवाददाता सम्मेलन की ओर था जिन्होंने खान के आरोपों को खारिज किया था.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ''कराची मैं दिल से आपका शुक्रिया अदा करता हूं. मैं यहां कुछ खास चीजों पर बात करने आया हूं, क्योंकि समस्या आपकी और आपके बच्चों के भविष्य की है. हमारे देश के खिलाफ यह साजिश... मैं चाहता हूं कि आप ध्यान से सुनें कि यह साजिश थी या हस्तक्षेप'' उन्होंने कहा,'' अपने हाथ उठाइए और मुझे बताइए कि क्या यह हस्तक्षेप था या साजिश थी. मैं देश को यह बताना चाहता हूं कि मैं कभी किसी देश के खिलाफ नहीं रहा. मैं भारत विरोधी, यूरोप विरोधी और अमेरिका विरोधी नहीं हूं. मैं दुनिया में मानवता के साथ हूं. मैं किसी देश के खिलाफ नहीं हूं, मैं सभी के साथ मित्रता चाहता हूं किसी की गुलामी नहीं.''
देश का कानून कभी नहीं तोड़ा- इमरान खान
खान ने आरोप लगाया, ''मुझे एक पत्रकार ने बताया कि हम पर बहुत रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इस हिसाब से साजिश कुछ वक्त से चल रही थी और तभी अमेरिका में हमारे राजदूत डोनाल्ड लू (दक्षिण तथा मध्य एशियाई मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री) से मुलाकात करते हैं.'' इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने न्यायपालिका को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि उन्होंने देश का कानून कभी नहीं तोड़ा. खान ने जानना चाहा कि उन्होंने कौन सा जुर्म किया था कि न्यायपालिका को पिछले शनिवार आधी रात में अदालतें खोलने की जरूरत महसूस हुई.
शहबाज शरीफ की आलोचना इमरान ने की
इमरान खान ने आगे कहा, ''मैंने पाकिस्तान की दो बड़ी धर्मार्थ संस्थाएं स्थापित कीं. मैंने शौकत खानम बनाया और दो विश्वविद्यालय बनवाए. मैं इकलौता नेता हूं जिसे पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने सादिक और अमीन घोषित किया है.'' पूर्व क्रिकेटर खान ने क्रिकेट की शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए कहा कि जब उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तब वह जानते थे कि ''मैच फिक्स'' है. खान ने उनके स्थान पर सत्ता संभालने वाले शहबाज शरीफ की भी आलोचना की और कहा कि उनके खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो और संघीय जांच एजेंसी में भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं.
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