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इमरान रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की आहट से टेंशन में, आखिर कैसे हो सकता है पाकिस्तान को इससे नुकसान?

Renuka Sahu
1 Feb 2022 4:54 AM GMT
इमरान रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की आहट से टेंशन में, आखिर कैसे हो सकता है पाकिस्तान को इससे नुकसान?
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फाइल फोटो 

रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद के कारण एक बार फिर दो बड़े दुश्मन रूस और अमेरिका एक दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद (Russia Ukraine Tensions) के कारण एक बार फिर दो बड़े दुश्मन रूस और अमेरिका एक दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं. एक ओर शांति और समाधान की बातें हो रही हैं, तो दूसरी तरफ दोनों ही देश खुलेआम युद्ध की तैयारी कर रहे हैं. ये विवाद पाकिस्तान (Pakistan) जैसे दूसरे देशों को भी प्रभावित कर सकता है, जिनकी अर्थव्यवस्था अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों से आयात पर निर्भर है. पाकिस्तानी मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तनाव का असर पाकिस्तान पर भी पड़ सकता है. रूस बेशक बोल रहा है कि वह यूक्रेन पर हमला (Ukraine War) नहीं करेगा, लेकिन उसने सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिकों की तैनाती कर दी है. जबकि अमेरिका का कहना है कि यूक्रेन पर फरवरी तक हमला हो जाएगा.

इस बीच अमेरिका के 200 सैनिक ल्वीव पहुंच गए हैं. ये शहर पोलैंड से जुड़ा हुआ है. ये सैनिक यूक्रेन के सैनिकों को रॉकेट लॉन्चर चलाने और दूसरे प्रकार के युद्ध की ट्रेनिंग दे रहे हैं (Europe War Affect on Pakistan). पूर्वी यूरोप और पश्चिम के बीच लगी इस आग की आंच पाकिस्तान तक जा सकती है. ये वक्त पाकिस्तान के लिए राजनीतिक और आर्थिक रूप से तनाव भरा है. उसके लिए किसी एक देश की तरफदारी करना भी नुकसानदायक हो सकता है. पाकिस्तान रूस से अपनी दोस्ती बढ़ा रहा है, इसलिए मामले में कुछ भी ना बोलकर वो बच नहीं सकता. उसे रूस या अमेरिका में से किसी एक को चुनना ही होगा.
तेजी से गिर सकती है पाकिस्तानी मुद्रा
पाकिस्तानी वेबसाइट ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को प्रति बैरल तेल की कीमत 100 डॉलर होने के लिए तैयार हो जाना चाहिए. यहां पहले ही इसका दाम 90 से ऊपर है. पाकिस्तान की सरकार (Pakistan Government) इस बात से चिंतित है कि तेल के बढ़ते दामों का असर देश के विकास पर पड़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आयात को कम कर, निर्यात को नहीं बढ़ाया गया, तो पाकिस्तानी मुद्रा पर दबाव बढ़ेगा और 200 पाकिस्तानी रुपये एक डॉलर के बराबर हो जाएंगे.
2 अरब डॉलर का झटका लग सकता है
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पर महंगाई (Inflation in Pakistan) का असर कुछ इस कदर पड़ेगा, जो लंबे वक्त तक अपना प्रभाव नहीं छोड़ेगा. अगर कुछ महीनों के लिए तेल की कीमतों में 10-20 डॉलर तक की बढ़ोतरी होती है, तो इससे पाकिस्तान को एक से दो अरब डॉलर की चपत लग सकती है. क्योंकि मुद्रा (Pakistan Currency Downfall) पहले से ही बुरी तरह गिरी हुई है. इसके कारण पाकिस्तान में दूसरी तमाम समस्याएं जन्म लेंगी.
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