x
पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) पर विपक्ष का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है
पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) पर विपक्ष का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. एक दिन पहले ही उन्होंने देश को संबोधित किया. इस दौरान उनका दर्द छलका. शनिवार को एसेंबली में विश्वास मत (Confidence Motion) का सामना करने से पहले उन्होंने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (Army Chief Gen Qamar Javed Bajwa)और खुफिया एजेंसी ISI के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज अहमद से मुलाकात की. विपक्ष पिछले कई महीनों से इमरान पर दबाव बना रहा है और सीनेट चुनावों में भी उन्हें तगड़ा झटका लगा है.
माना जा रहा है कि इमरान ने देश में बदलते हालात के मद्देनजर यह बैठक की. हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस बैठक के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया गया है. पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट 'द डॉन' के मुताबिक ऐसे मामलों में आमतौर पर बयान जारी किया जाता है. एक अधिकारी ने बताया कि यह बैठक देश की 'भीतरी और बाहरी' स्थिति की समीक्षा करने के लिए की गई है.
दो महीने में कम से कम पांच बैठक
बीते दो महीने में प्रधानमंत्री इमरान खान सेना प्रमुख और आईएसआई महानिदेशक से पांच बार बैठक कर चुके हैं. भले ही प्रधानमंत्री कार्यालय से कोई बयान जारी नहीं किया गया. मगर लोगों को इसे मौजूदा राजनीतिक समीकरण से जोड़ते हुए देर नहीं लगी. हाल ही में सीनेट चुनावों में इमरान की पार्टी को उलटफेर का सामना करना पड़ा है. उनके वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के हाथों शिकस्त मिली.
कल अविश्वास प्रस्ताव
इस जोरदार हार ने इमरान खान को नेशनल एसेंबली में फिर से विश्वास मत के लिए वोट मांगने पर मजबूर कर दिया. इमरान खान ने देश के नाम संबोधन में विश्वास मत का सामना करने की बात कही थी. साथ ही उन्होंने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने लोकतंत्र का मजाक बना दिया है. इमरान ने एक बार फिर से कहा कि वह भ्रष्टाचारियों को नहीं छोड़ेंगे. इमरान खान ने अपने सहयोगियों और पार्टी नेताओं से भी इस संबंध में बैठक की है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की नेता मरयम नवाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जनरल बाजवा और जनरल हमीद को मौजूदा स्थिति में प्रधानमंत्री से नहीं मिलना चाहिए था क्योंकि इससे गलत सिग्नल जाएगा
Next Story