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इस्लामाबाद (आईएएनएस)| पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के सामने कबूल किया था कि उनके पास हत्या की साजिश को लेकर सेना और सरकार पर लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं है। द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सनाउल्लाह ने कहा कि खान को इस्लामाबाद के रमना पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले की जांच में शामिल किया गया था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा, जेआईटी ने पीटीआई प्रमुख को एक वीडियो दिखाया और उन्होंने स्वीकार किया कि यह उनकी अपनी आवाज थी। जांच के दौरान, उन्होंने स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और थलसेनाध्यक्ष के खिलाफ उनके सभी बयान निराधार थे कि वे उन्हें मारना चाहते थे।
जब पीटीआई प्रमुख को जेआईटी द्वारा उनके खिलाफ प्राथमिकी दिखाई गई, तो वह वीडियो क्लिप में लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं दे पाए।
द न्यूज के अनुसार, मंत्री ने कहा, जब जेआईटी ने उनसे और पूछताछ की, तो खान ने जवाब दिया कि किसी ने उन्हें साजिश में उनके शामिल होने के बारे में बताया था। फिर पीटीआई अध्यक्ष से पूछा गया कि आपको किसने बताया तो इमरान खान ने जवाब दिया कि उन्हें याद नहीं है।
जेआईटी ने पूछा कि उन्होंने अपने वीडियो में आईएसआई के डीजी का नाम क्यों लिया और सवाल किया कि क्या वह एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी से मिले थे, जिसे उन्होंने डर्टी हैरी कहा था।
पीटीआई अध्यक्ष ने जवाब दिया कि डीजी आईएसआई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी। उन्होंने कहा कि वह कभी भी उस वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के साथ कोई बैठक नहीं की थी जिसे उन्होंने डर्टी हैरी कहा था।
सनाउल्लाह ने कहा कि इमरान ने कहीं भी यह नहीं कहा कि यह उनका ऑडियो या बयान नहीं है।
उन्होंने एक गपशप या अफवाह के आधार पर एक बयान देने की बात कबूल की और जेआईटी ने उनसे बयान पर हस्ताक्षर करवाए थे। अगर पीटीआई प्रमुख उनके बयान से इनकार करते हैं तो हम सबूत पेश कर सकते हैं।
--आईएएनएस
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