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पुतिन के बॉडीगार्ड्स राजा-महाराजाओं के समय के तरीकों का पालन करते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के सिक्योरिटी घेरे को भेदना कोई आसान काम नहीं है. दिन के 24 घंटे, हफ्ते के सातों दिन कई बॉडीगार्ड्स (Bodyguards) करीब से पुतिन के हर कदम पर अपनी पैनी नजर बनाए रखते हैं. पुतिन के बॉडीगार्ड्स राजा-महाराजाओं के समय के तरीकों का पालन करते हैं.
खान-पान की भी होती है जांच
राष्ट्रपति के खाने या पीने की कोई भी चीज पहले उनके निकटतम सलाहकार से होकर गुजरती है. यूक्रेन (Ukraine) के ऊपर हमला करने के बाद पुतिन की सिक्योरिटी को और भी ज्यादा टाइट कर दिया गया है क्योंकि अब उनकी जान पर पहले से ज्यादा खतरा (Danger) बना हुआ है.
क्या है रूसी राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा?
रूसी राष्ट्रपति सुरक्षा सेवा (Russian Presidential Security Service) एसएसओ को रिपोर्ट करती है, जिसका गठन केजीबी (KGB) से हुआ था. ये गार्ड्स आपको हमेशा पुतिन के आसपास एक साए की तरह नजर आएंगे. पुतिन के दिन की शुरुआत तीन सुरक्षा ब्रीफिंग (Safety Briefing) के साथ होती है और यही ब्रीफिंग उनके दिन को डिसाइड करती है.
चार टीमों में खुद को बांट लेते हैं
पहली टीम में पुतिन के सबसे करीबी घेरे में उनके पर्सनल गार्ड्स (Personal Guards) होते हैं. दूसरी टीम में जो गार्ड्स शामिल होते हैं वो जनता की नजर से दूर रहते हैं. तीसरी टीम का काम सस्पीशियस लोगों (Suspicious People) को आने से रोकना होता है. आखिरी यानी चौथी टीम में बेहतरीन स्नाइपर्स (Snipers) शामिल होते हैं.
राष्ट्रपति की व्यक्तिगत सेना
रूसी नेशनल गार्ड (Russian National Guard) 6 साल पहले खुद पुतिन ने ही बनाई थी, जिसे लोग राष्ट्रपति की व्यक्तिगत सेना बताते हैं. फिलहाल नेशनल गार्ड का नेतृत्व पुतिन के ही पूर्व बॉडीगार्ड विक्टर जोलोतोव कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक चार लाख सैनिकों को इस सुरक्षा बल (Security Forces) में कुछ सालों में शामिल किया गया है.
कैसे करते हैं पुतिन की रक्षा?
पुतिन (Putin) के पास खाने में जहर को चेक करने के लिए एक व्यक्तिगत टेस्टर है. खाने को लेकर राष्ट्रपति की सिक्योरिटी (Security) सबसे ज्यादा सख्त है. यह तरीका कुछ वैसा ही है जैसे पुराने जमाने में राजाओं के खाने से पहले उनके खास सेवक उनका खाना चखकर उसकी जांच (Test) करते थे.
स्मार्टफोन का नहीं करते इस्तेमाल
आपको बता दें कि क्रेमलिन (Kremlin) में स्मार्टफोन ब्लॉक हो जाते हैं. पुतिन ने खुद ही कहा है कि वह इन डिवाइसेज का यूज नहीं करते हैं. ऐसा करने से जाहिर होता है कि रूसी राष्ट्रपति को इंटरनेट (Internet) पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है. रूस का मानना है कि अमेरिका (America) सभी सूचनाओं की निगरानी करता है.
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