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IMF ने इस बार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, कर्ज के लिए करना होगा इंतजार

Neha Dani
6 Aug 2022 11:28 AM GMT
IMF ने इस बार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, कर्ज के लिए करना होगा इंतजार
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जिसके बाद IMF ने पाकिस्तान को करीब तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर जारी करने के बाद जनवरी 2020 में इस कार्यक्रम पर रोक लगा दिया।

पैसों की कमी से जूझ रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था आने वाले दिनों में और चरमरा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से पाकिस्तान को राहत पैकेज (bailout package) मिलने में अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। IMF ने इस बार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने आजादी के 75 साल में देश को बदहाल स्थिति में ला खड़ा करने के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है।


आर्थिक बदहाली के लिए पिछली सरकारें हैं जिम्मेदार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के पास देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बहुत कम समय ही बचा है। उन्होंने 75 सालों में देश की आर्थिक स्थिति को बदहाली स्थिति में पहुंचाने के लिए पिछली सरकारों को दोषी ठहराया है। प्रधानमंत्री शरीफ ने देश में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए पूछा, ' हमने अपनी आजादी के 75 साल के बाद क्या किया है, जिसके कारण हम IMF के गुलाम हो गए हैं।'


राहत पैकेज मिलने में देरी
पाकिस्तानी सरकार को IMF से जून के अंत में राहत पैकेज मिलने की उम्मीद थी, लेकिन पाकिस्तान को अब राहत पैकेज मिलने में इस महीने के अंत तक का इंतजार करना पड़ सकता है। इस्लामाबाद ने inflationary pressures के बीच टैक्स को बढ़ाया है और ईंधन पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया है। पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, आईएमएफ ने कहा है कि इस माह के अंत तक पाकिस्तान को 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर राहत पैकेज के रूप में दी जाएगी।

पहले भी मिला है राहत पैकेज
इस्लामाबाद ने साल 2019 में IMF के साथ Extended Fund Facility के तहत 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर्ज के लिए कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किया था। तब के मौजूदा प्रधानमंत्री रहे इमरान खान ने पाकिस्तान की जनता पर बिजली दरों में बढ़ोतरी करने और IMF द्वारा निर्धारित टैक्स को बढ़ाने से इंकार कर दिया था, जिसके बाद IMF ने पाकिस्तान को करीब तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर जारी करने के बाद जनवरी 2020 में इस कार्यक्रम पर रोक लगा दिया।

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