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पाकिस्तान को आइएमएफ ने दिया बेलआउट पैकेज

Renuka Sahu
30 Aug 2022 12:42 AM GMT
IMF gave bailout package to Pakistan
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फाइल फोटो 

नकदी से जूझ रहे पाकिस्तान को बड़ी राहत मिली है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के विस्तारित फंड सुविधा कार्यक्रम के पुनरुद्धार को मंजूरी दे दी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नकदी से जूझ रहे पाकिस्तान को बड़ी राहत मिली है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) कार्यक्रम के पुनरुद्धार को मंजूरी दे दी है। इसके चलते देश को 1.17 बिलियन अमरीकी डालर (9300 करोड़ से अधिक) की 7वीं और 8वीं किश्त जारी हो जाएगी। बाढ़ के कहर को झेल रहे पड़ोसी मुल्क के लिए ये बड़ी राहत की खबर है।

वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने किया ट्वीट
पाक के वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया, "आईएमएफ बोर्ड ने हमारे ईएफएफ कार्यक्रम के पुनरुद्धार को मंजूरी दे दी है। हमें अब 1.17 अरब डॉलर की 7वीं और 8वीं किश्त मिलनी चाहिए।" इससे पहले अप्रैल 2020 में, IMF बोर्ड ने पाकिस्तान को 1.386 बिलियन अमरीकी डालर के वितरण को मंजूरी दी थी। लेकिन अभी तक राशि नहीं मिल पाई है। वित्त मंत्री ने देश को बधाई दी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को 'कठोर निर्णय लेने' और 'पाकिस्तान को डिफाल्ट से बचाने' के लिए धन्यवाद दिया।
1.2 बिलियन अमरीकी डालर तुरंत मिलेंगे
डान अखबार ने बताया कि आईएमएफ अब तुरंत पाकिस्तान को लगभग 1.2 बिलियन अमरीकी डालर का वितरण करेगा और चालू वित्त वर्ष के शेष भाग में 4 बिलियन अमरीकी डालर तक प्रदान कर सकता है, जो 1 जुलाई से शुरू हुआ था। हालांकि, वैश्विक ऋणदाता द्वारा एक आधिकारिक बयान जारी किया जाना बाकी है।
कई देशों से कर्ज ले चुका पाक
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान चीन, सऊदी अरब, कतर और यूएई से ऋण, वित्तपोषण, अस्थगित तेल भुगतान और 12 बिलियन अमरीकी डालर के करीब निवेश प्रतिबद्धताओं को सुरक्षित करने में कामयाब रहा है। इससे नकदी की कमी वाले देश को अभी के लिए डिफाल्ट से बचने में मदद मिलेगी।
अमेरिका पीछे से कर रहा मदद
यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस में दक्षिण एशिया कार्यक्रमों के निदेशक तमन्ना सालिकुद्दीन के अनुसार कई मतभेदों के बावजूद अमेरिका अभी भी आईएमएफ के माध्यम से ऋण का समर्थन कर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह अफगानिस्तान की सीमा पर संकट नहीं देखना चाहता है।
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