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ओटावा । खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच के बारे में रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने अद्यतन जानकारी दी। प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसकी हत्या की जांच आरसीएमपी की ‘एकीकृत मानव हत्या जांच दल (आईएचआईटी) कर रहा है। आईएचआईटी के प्रवक्ता सर्जेंट टिमोथी पिएरोटी ने कहा कि वे निज्जर की हत्या से संबंधित खबरों से अवगत हैं। चूंकि, मामले की सक्रिय रूप से जांच जारी है, इसलिए मैं आईएचआईटी की ओर से इकट्ठा किए गए विशिष्ट सबूतों पर टिप्पणी करने में असमर्थ हूं। इस बीच, ब्रिटिश कोलंबिया के सरे स्थित गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि अमेरिकी सूत्रों को निज्जर की हत्या से जुड़े सुरक्षा कैमरे के फुटेज कैसे हासिल हुए। निज्जर की जून में इसी गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
गुरुद्वारे के प्रवक्ता गुरकीरत सिंह ने कहा कि हमें मंदिर द्वारा बताया गया है कि वीडियो मीडिया या जनता के लिए नहीं है, क्योंकि मामले की जांच जारी है। हालांकि, उन्होंने कई बार वीडियो देखने की बात कही है। उन्होंने बताया कि यह अचानक से की गई कोई वारदात नहीं थी। वे लोग कुछ समय से हरदीप सिंह निज्जर की हरकत पर नजर रख रहे थे और वे जानते थे कि वह गुरुद्वारे में कहां से प्रवेश और कहां से निकलता है। पिएरोटी ने बताया कि पुलिस ने सबूतों के आधार पर ‘इलाके की व्यापक जांच पूरी कर ली है और सभी प्रासंगिक वीडियो फुटेज इकट्ठे कर रही है।
निज्जर के बेटे बलराज ने बताया कि उसके पिता की कनाडा के सुरक्षा खुफिया सेवा के अधिकारियों के साथ ‘सप्ताह में एक या दो बार बैठक होती थी, जिसमें 18 जून को हत्या से एक-दो दिन पहले हुई बैठक भी शामिल थी और दो दिन बाद उनके बीच एक और बैठक होनी थी। गौरतलब है कि भारत ने 45 वर्षीय निज्जर को साल 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि 18 जून को निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार के एजेंट का हाथ था हालांकि, भारत ने इन आरोपों को ‘बेतुका और ‘राजनीति से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है।
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