इस्लामाबाद। पाकिस्तान इनदिनों बड़ी मुश्किल में है। देश इस समय सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। पहले से ही हालात खराब थे और उस पर से पिछले साल बाढ़ आ गई, बाढ़ ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की ओर से जो बेलआउट पैकेज मिलेगा, वह भी इसके लिए बहुत कम है। देश का विदेशी मुद्राभंडार एकदम नीचे जा चुका है और अब इसके बाद पाकिस्तान के दिवालिया होने का खतरा भी बढ़ गया है। लेकिन अगर यह देश दिवालिया हो गया, तब फिर क्या होगा? देश की स्थिति कैसी होगी और फिर इसका भविष्य कैसा होगा?
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच ने पाकिस्तान की डिफॉल्ट रेटिंग औरे गिरा दी है। अब इस वजह से देश पर नीतिगत खतरा बढ़ गया है। रेटिंग गिरने की वजह से चलनिधि भी मुश्किल में आ गई है। रेटिंग में गिरावट की वजह से फंडिंग पर भी खतरा है। फिच का कहना है कि विदेशी मुद्राभंडार बहुत ही नाजुक स्तर पर है। फिच ने कहा है, हमें उम्मीद है कि यह विदेशी मुद्राभंडार कम ही रहने वाला है। हालांकि वित्तीय वर्ष 2023 में थोड़े सुधार की भी गुंजाइश है। फिच ने कहा है कि पाकिस्तान ने सफलतापूर्वक आईएमएफ के प्रोग्राम का नौंवा रिव्यू पूरा कर लिया है। मगर रेटिंग में कमी आना फंडिंग को जारी रखने और चुनावों पर संकट को भी दर्शाता है। एजेंसी का मानना है कि दिवालिया होना या फिर कर्ज पुर्नगठन असली वास्तविकता है। पाकिस्तान इस समय कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। इसके बाद अगर वह कंगाल या दिवालिया हो जाता है, तब फिर वह इस कर्ज को चुकाने में असमर्थ होगा। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य शब्दों में किसी भी देश जैसे पाकिस्तान का कंगाल होने का मतलब है, जोखिम के साथ वाणिज्यिक ऋण की अदायगी न हो पाना।
अगर पाकिस्तान का विदेशी मुद्राभंडार उस स्तर पर पहुंच गया जहां यह अपने ही कर्ज पर दिवालिया हो जाए, तब फिर केंद्रीय बैंक कर्ज अदा करने और सेवाओं के लिए पेमेंट करने से मना कर सकता है। पाकिस्तान में डॉलर का अभाव है और अगर डॉलर खत्म होता हैं, तब फिर कोई सामान आयात नहीं हो पाएगा। इसके बाद अर्थव्यवस्था ठप हो जाएगी और देश में महंगाई उस स्तर पर होगी जहां पर आम आदमी का जीना ही मुश्किल हो जाएगा। अर्थव्यवस्था सिकुड़ेगी तब फिर उद्योगों का नुकसान होगा। इसकी वजह से लोगों की नौकरियां जाएगी। अर्थशास्त्री ऐसी स्थिति को महंगाई से पैदा होने वाली मंदी कहते हैं। धीमी तरक्की और बेरोजगारी के अलावा महंगाई की वजह से ये हालात पैदा होते हैं।