विश्व

भारत बना सर्वाधिक आबादी वाला देश तो मजबूत होगा सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का दावा : जॉन विल्मोथ

Renuka Sahu
13 July 2022 12:53 AM GMT
If India becomes the most populous country, the claim of permanent membership in the Security Council will be strong: John Wilmoth
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फाइल फोटो 

भारत यदि 2023 में चीन को पछाड़कर दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाता है तो इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की उसकी दावेदारी को बल मिल सकता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत यदि 2023 में चीन को पछाड़कर दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाता है तो इससे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की उसकी दावेदारी को बल मिल सकता है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रखंड के एक शीर्ष अधिकारी जॉन विल्मोथ ने यह बात कही।

'विश्व जनसंख्या संभावना 2022' रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के सर्वाधिक आबादी वाले देश के रूप में अगले साल चीन को पीछे छोड़ने की उम्मीद है। सोमवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी आबादी अनुमान के मुताबिक 2050 में 1.668 अरब होगी, जो चीन से बहुत आगे है।
संयुक्त राष्ट्र के सामाजिक व आर्थिक मामलों के विभाग (डीईएसए) के जनसंख्या प्रखंड के निदेशक जॉन विल्मोथ ने कहा कि सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के रूप में उभरने से भारत का 'कुछ चीजों पर दावा' हो सकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, यदि भारत आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा देश बन जाता है तो उसकी यूएन व सुरक्षा परिषद में उसकी भूमिकाएं बदल सकती हैं। उनका सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य का दावा मजबूत हो जाएगा।
परिषद में सुधार के लिए प्रयासरत
भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए वर्षों से हो रहे प्रयासों में सबसे आगे रहा है। उसका दावा है कि वह सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में स्थान पाने का हकदार है, जो अपने वर्तमान स्वरूप में 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।
भारत में बाल सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचा स्वागत योग्य : गुटेरस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने बच्चों की सुरक्षा के लिए भारत में कानूनी एवं प्रशासनिक ढांचा बनाए जाने और कई राज्यों में बाल सुरक्षा सेवाओं की पहुंच में सुधार का स्वागत किया है। हालांकि, कुछ जिलों में हथियारबंद समूहों द्वारा बच्चों की भर्ती किए जाने के खतरे पर उन्होंने चिंता भी जताई। उन्होंने कहा, मैं बाल सुरक्षा के लिए मदद बढ़ाने के क्षेत्रों की पहचान को 2022 में अंतरमंत्रालयी प्रौद्योगिकी स्तर की बैठक संबंधी साझा प्रौद्योगिकी मिशन के समझौते का स्वागत करता हूं। इस समझौते से भारत, बच्चों व सशस्त्र संघर्ष पर मेरी अगली रिपोर्ट में चिंता से बाहर आ सकता है।
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