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जिस तक हर किसी की पहुंच नहीं है.'
पत्रकारिता का एक व्यापक और विराट स्वरूप है. लोकतंत्र के चौथे खंबे के रूप में मशहूर इस क्षेत्र में हमेशा से कई प्रयोग होते आए हैं. कुछ प्रयोग दुनिया भर में बेहद पसंद किए गए तो वहीं कुछ की व्यापक आलोचना भी हुई. कभी चंद पन्नों से शुरु हुआ पत्रकारिता का इतिहास आज इंटरनेट के युग में मोबाइल जर्नलिज्म तक आ पहुंचा है. इस बीच डेनमार्क में एक महिला पत्रकार ने जो किया उसकी रिपोर्ट सोशल मीडिया के जरिए पूरी दुनिया में चर्चा और बहस का विषय बनी हुई है.
'रिपोर्टिंग के दौरान आया आइडिया'
डेनमार्क की एक महिला रेडियो रिपोर्टर ने लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद जो इंटरव्यू किया उसकी ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है. ऐसा इसलिए क्योंकि पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्ट से जुड़े उसके मीडिया हाउस रेडियो चैनल Radio4 ने इस इंटरव्यू को प्रसारित भी किया
द स्कॉटिश सन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, महिला रिपोर्टर का इंटीमेट होते हुए रिकार्ड हुआ ये सनसनीखेज इंटरव्यू एक एडल्ट क्लब में शूट हुआ. रिपोर्टर का कहना है कि ये उसका खुद का आइडिया था, जिसके लिए उसके संस्थान ने उस पर कोई दबाव नहीं डाला था.
कैसे रिकार्ड हुआ इंटरव्यू?
महिला रिपोर्टर का नाम लुईस फिशर है. इंटरव्यू कुछ समय पुराना है जो सोशल मीडिया पर पोस्ट हुआ. दरअसल कोरोना काल के लॉकडाउन के बाद जब डेनमार्क में अनलॉक की प्रकिया शुरू हुई तो लुईस राजधानी कोपेनहैगन के नजदीक स्विंगलैंड पहुंची. वहां पर वो एक एडल्ट क्लब में रेडियो रिपोर्ट तैयार करने गई थीं.
लुईस ने कहा, 'रिपोर्टिंग के दौरान पहले तो उन्होंने वहां मौजूद क्लब के सदस्यों के साथ वाइन पीते हुए उनसे बातचीत शुरू की, फिर कुछ मिनट बाद उन्होंने अपना आइडिया लोगों से शेयर किया. पहले तो लोग मेरी बात सुनकर हैरत में पड़ गए. फिर मैने उन्हें समझाया और सामान्य किया तो वो तैयार हो गए. हालांकि मेरे लिए, ये सब बहुत स्वाभाविक था. ऐसी दुनिया के बारे में जनता तक जानकारी पहुंचाना मेरे काम का हिस्सा था, जिस तक हर किसी की पहुंच नहीं है.'
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