विश्व

रूस को यूक्रेन से सैन्‍य कार्रवाई बंद करने और शत्रुता समाप्त करने का आइसीजे ने दिया आदेश

Gulabi Jagat
16 March 2022 5:29 PM GMT
रूस को यूक्रेन से सैन्‍य कार्रवाई बंद करने और शत्रुता समाप्त करने का आइसीजे ने दिया आदेश
x
रूस को आइसीजे ने दिया आदेश
द हेग, रायटर। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) ने रूस को यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई तत्काल रोकने का आदेश दिया है। यूक्रेन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रारंभिक निर्णय में आइसीजे ने यह बात कही है।संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत में दो के मुकाबले 13 जजों ने यूक्रेन के पक्ष में निर्णय दिया। वैसे तो इस अदालत के फैसले बाध्यकारी हैं, लेकिन इसके पास अपने आदेश का पालन कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। पहले भी ऐसे मामले देखे गए हैं, जब देशों ने इसके आदेश का उल्लंघन किया है।
यूक्रेन की अपील पर आइसीजे ने सुनाया प्रारंभिक फैसला
24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। रूस का कहना था कि पूर्वी यूक्रेन में रूसी भाषी लोगों के नरसंहार का खतरा है। इसे देखते हुए उसने विशेष सैन्य अभियान चलाया है। इसके तुरंत बाद यूक्रेन ने अदालत में गुहार लगाई थी। यूक्रेन ने कहा कि रूस के इस दावे का कोई आधार नहीं है। पूर्वी यूक्रेन में नरसंहार का कोई खतरा नहीं है। उसने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र के 1948 जीनोसाइड कंवेंशन (नरसंहार सम्मेलन) पर दोनों देशों ने हस्ताक्षर किया है और इसके तहत ऐसी स्थिति में भी कोई देश नरसंहार रोकने के नाम पर किसी दूसरे देश पर हमला नहीं कर सकता है। जो देश अदालत के आदेशों का पालन करने से इन्‍कार करते हैं, उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भेजा जा सकता है, जहां रूस के पास वीटो पावर है।
जेलेंस्की ने मामले को जीत के रूप में बताया
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने इसे एक बड़ी जीत के रूप में देखा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में रूस के खिलाफ अपने मामले में पूरी जीत हासिल की। आईसीजे ने आक्रमण को तुरंत रोकने का आदेश दिया है। आदेश अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बाध्यकारी है। रूस को तुरंत पालन करना चाहिए। आदेश की अनदेखी करने से रूस और भी अलग हो जाएगा।
दो के मुकाबले 13 जजों ने यूक्रेन के पक्ष में निर्णय दिया
रूस ने सुनवाई में विसंगति का हवाला देते हुए सात मार्च को सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि उसने लिखित दस्तावेज में अदालत से कहा था कि वह कोई फैसला न ले। रूस ने इस मामले में जीनोसाइड कंवेंशन के उल्लंघन की दलील को भी नहीं माना था। हालांकि आइसीजे ने कहा कि प्राथमिक फैसले के लिए पर्याप्त प्रमाण हैं। अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा। पूरी वैधानिकता व अन्य मानकों पर निर्णय होने में लंबा समय लग जाता है। यूक्रेन के मामले में जिस तरह की आपात स्थिति है, उसे देखते हुए फिलहाल प्राथमिक फैसला सुनाया गया है।
Next Story