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यूक्रेन के चेर्नोबिल में IAEA का सेफगार्ड मानिटरिंग सिस्टम से टूटा संपर्क

Renuka Sahu
9 March 2022 1:12 AM GMT
यूक्रेन के चेर्नोबिल में IAEA का सेफगार्ड मानिटरिंग सिस्टम से टूटा संपर्क
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फाइल फोटो 

यूक्रेन के चेर्नोबिल साइट पर इंस्टाल किए गए मानिटरिंग सिस्टम से मिलने वाला रिमोट डाटा ट्रांसमिशन बाधित हो गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूक्रेन के चेर्नोबिल साइट पर इंस्टाल किए गए मानिटरिंग सिस्टम से मिलने वाला रिमोट डाटा ट्रांसमिशन बाधित हो गया है। यह जानकारी यूएन न्यूक्लियर वाचडाग ने दी। बता दें कि पिछले माह ही रूस ने कब्जा कर लिया था। इंटरनेशनल एटामिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने बताया, 'डायरेक्टर जनरल की ओर से संकेत मिला कि चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट में इंस्टाल किए गए सेफगार्ड मानिटरिंग सिस्टम से ट्रांसमिशन डेटा नहीं मिल पा रहा है इसलिए वहां से संपर्क टूट गया है।' यह सेफगार्ड सिस्टम न्यूक्लियर मटीरियल को ट्रैक करने के लिए लगाया जाता है।

"I'm deeply concerned about the difficult and stressful situation facing staff at #Chornobyl NPP and potential risks this entails for nuclear safety. I call on the forces in effective control of the site to urgently facilitate the safe rotation of personnel there," @रफैलँगड़ोस्सी
पूरी दुनिया में NPP की IAEA करती है निगरानी
दुनिया के सभी न्‍यूक्लियर पावर प्‍लांट की निगरानी इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी करती है। न्‍यूक्लियर प्‍लांट पर किसी बड़े हमले के नतीजे भयावह हो सकते हैं। 80 के दशक में चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र में जो हादसा हुआ था उसकी वजह टेस्टिंग के दौरान वहां प्‍लांट का अस्थिर होना और तापमान का अत्‍यधिक बढ़ जाना था। इस धमाके में चर्नोबिल प्‍लांट की छत भी उड़ गई थी। ऐसी स्थिति में सबसे बड़ा खतरा रेडिएशन के बढ़ने का होता है। धमाके के बाद निकलने वाला कचरा लोगों की जान ले सकता है।
चेर्नोबिल की ही यदि बात करें तो वहां पर धमाके में आश्‍चर्यजनक तरीके से केवल दो लोगोंं की जान गई थी। लेकिन इसके बाद फैले रेडिएशन ने करीब 30 लोगों की जान एक माह के अंदर ले ली थी। उल्लेखनीय है कि इस धमाके के बाद इसके कचरे को ढ़कने के लिए हजारों टन रेत हवा से डाला गया था। यहां के रेडिएशन को काबू करने में काफी लंबा समय लगा था।
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