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प्लांट का विसैन्यीकरण करने की गुजारिश की गई थी लेकिन बात नहीं बनी।
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी (IAEA ) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी (Rafael Grossi) ने कहा है कि वह अब यूक्रेन के ज़ापोरिज्जिया परमाणु उर्जा संयंत्र (Zaporizhzhia power plant) का दौरा करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। मालूम हो कि ग्रॉसी अपनी टीम के साथ काफी लंबे समय में ज़ापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट पर पहुंचने की कोशिश में जुटे हुए थे, जिसे यूक्रेन में फरवरी से शुरू हुए मॉस्को के सैन्य अभियान के बाद रूस ने अपने कब्जे में ले लिया है।
ग्रॉसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर 13 अन्य विशेषज्ञों के साथ अपनी एक तस्वीर को साझा करते हुए लिखा है, 'वह दिन आ ही गया। ज़ापोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए समर्थन और सहायता मिशन की शुरुआत होने वाली है।'
उन्होंने आगे लिखा, 'हमें यूक्रेन और यूरोप के सबसे बड़े परमाणु उर्जा संयंत्र की सुरक्षा करनी होगी। इस मिशन का नेतृत्व कर पाने के लिए खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यह इसी हफ्ते होगी।'
मालूम हो कि ज़ापोरिज्जिया यूरोप का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट है। इस क्षेत्र में दोनों पक्षों (Russia and Ukraine) की तरफ से हो रही गोलीबारी के बीच प्लांट पर खतरा मंडरा रहा है जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदायों की चिंता बढ़ा दी है।
इस खतरे को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guteres) ने हाल ही में लवीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr zelensky) और तुर्की नेता रेसेप तैय्यप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) से मुलाकात की थी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि ज़ापोरिज्जिया का इस्तेमाल सैन्य अभियान के हिस्से के रूप में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसे नुकसान पहुंचाना आत्महत्या करने के समान होगा। उन्होंने रूस से इसका विसैन्यीकरण किए जाने का भी आग्रह किया जिससे रूस ने इंकार कर दिया।
इसके बाद संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट (Michelle Bachelet ) की तरफ से भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से यूक्रेन पर सैन्य अभियान को रोकने और प्लांट का विसैन्यीकरण करने की गुजारिश की गई थी लेकिन बात नहीं बनी।
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