संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी इकाई के प्रमुख ने कहा कि ईरान संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों को अपने परमाणु कार्यक्रम तक 'कम पहुंच' मुहैया कराने पर तकनीकी रूप से सहमत हो गया है। ईरान का यह कदम पश्चिमी देशों पर दबाव डालने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने ईरान की आपात यात्रा के बाद रविवार को यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आईएईए अगले तीन महीने तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम की निगरानी जारी रखने के लिए तेहरान के साथ 'तकनीकी सहमति' पर पहुंचा है। हालांकि उनकी इस टिप्पणी से यह रेखांकित होता है कि ईरान के साथ अमेरिका और अन्य पक्षों के बीच आपसी सहमति के रास्ते संकुचित होते जा रहे हैं। ईरान वैश्विक शक्तियों के साथ 2015 के परमाणु समझौते की तय सीमा से कहीं अधिक यूरेनियम जमा कर रहा है। ग्रोसी ने विएना पहुंचने के बाद हवाईअड्डे पर कहा कि आईएईए को उम्मीद है कि इस आपसी सहमति से एक बेहद अस्थिर स्थिति स्थिर हो जाएगी और अन्य स्तरों पर राजनीतिक वार्ताएं हो सकेंगी। ग्रोसी ने कहा कि निगरानी ''एक संतोषजनक तरीके'' से जारी रहेगी। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने कहा कि आईएईए को परमाणु स्थलों पर उसके कैमरों की फुटेज तक पहुंच मुहैया नहीं कराई जाएगी |