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'मैं यूक्रेन में सीजफायर को लेकर आशावादी नहीं हूं', आखिर क्यों कही UN सहायता प्रमुख ने ये बात?

Renuka Sahu
8 April 2022 3:08 AM GMT
मैं यूक्रेन में सीजफायर को लेकर आशावादी नहीं हूं, आखिर क्यों कही UN सहायता प्रमुख ने ये बात?
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फाइल फोटो 

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता प्रमुख ने गुरुवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता के बावजूद यू्क्रेन में सीजफायर को लेकर वह आशावादी नहीं हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के मानवीय सहायता प्रमुख ने गुरुवार को कहा कि रूस और यूक्रेन (Ukraine) के बीच वार्ता के बावजूद यू्क्रेन में सीजफायर को लेकर वह आशावादी नहीं हैं. अवर महासचिव रूस, यूक्रेन, रूस-यूक्रेन जंग, संयुक्त राष्ट्र, मानवीय सहायता प्रमुख, मार्टिन ग्रिफिथ्स, Russia, Ukraine, Russo-Ukraine War, United Nations, Humanitarian Aid Chief, Martin Griffiths,

(Martin Griffiths) ने यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv) में प्रधानमंत्री डेनिस शमिहल (Denys Shmyhal) और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ वार्ता पूरी करने के बाद एसोसिएटेड प्रेस को दिये गये एक इंटरव्यू में यह बात कही. उससे पहले उन्होंने पिछले सप्ताह मास्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) एवं अन्य अधिकारियों से बातचीत की थी. दोनों मुल्कों के बीच लंबे वक्त से युद्ध जारी है.

मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा, मैं समझता हूं कि यह आसान नहीं होने जा रहा है क्योंकि हां तक अब मैं जानता हूं, कि दोनों पक्षों को एकदूसरे पर न के बराबर भरोसा है. उन्होंने कहा, मैं आशावादी नहीं हूं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस (Antonio Guterres) ने ग्रिफिथ्स को संघर्षविराम स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने के लिए रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) की राजधानियों में भेजा था. गुतारेस का मानना है कि संघर्षविराम यूक्रेन में सहायता कार्य एवं युद्ध समाप्त के लक्ष्य की दृष्टि के लिए बहुत जरूरी है. युद्ध की वजह से बड़े पैमाने पर लोग विस्थापित हुए हैं, जिनकी मदद के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है मदद
दरअसल, यूक्रेन के कई शहरों को रूस की सेना ने घेरा हुआ है. ऐसे में वहां तक किसी भी तरह की कोई मदद नहीं पहुंच पा रही है. ऐसे में लोगों को बिना बिजली-पानी के शहरों में रहने पर मजबूर होना पड़ा है. पिछले हफ्ते में रेड क्रॉस के काफिले के सदस्यों को रूस की सेना द्वारा घेरे गए मारियुपोल शहर से लोगों के काफिले को निकालने में मदद करने के लिए पहुंचने से रोका गया. रेड क्रॉस के सदस्यों को एक मिशन के दौरान एक प्वाइंट पर हिरासत में ले लिया गया. मारियुपोल में बड़ी तादाद में लोग फंसे हुए हैं और उन्हें तत्काल मदद की जरूरत है. लेकिन मदद पहुंचाने में कठिनाई हो रही है.
UNHRC से बाहर हुआ रूस
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व की शीर्ष मानवाधिकार संस्था से रूस को गुरुवार को बाहर का रास्ता दिखा दिया. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से रूस को निलंबित करने के लिए अमेरिका द्वारा लाये गये एक प्रस्ताव को पारित करने के लिए 193 सदस्यीय महासभा (यूएनजीए) में इसके (प्रस्ताव के) पक्ष में 93 मत पड़े, जबकि भारत सहित 58 देश अनुपस्थित रहे. मानवाधिकार परिषद में रूसी संघ की सदस्यता के निलंबन अधिकार शीर्षक वाले प्रस्ताव के खिलाफ 24 मत पड़े. मतदान से अनुपस्थित देशों में बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, मिस्र, इंडोनेशिया, इराक, मलेशिया, मालदीव, नेपाल, पकिस्तान, कतर, सउदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हैं.
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