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मैं राजपक्षे परिवार का नहीं, जनता का मित्र हूं: रानिल विक्रमसिंघे

Neha Dani
21 July 2022 9:12 AM GMT
मैं राजपक्षे परिवार का नहीं, जनता का मित्र हूं: रानिल विक्रमसिंघे
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मैं उनका विरोध करता रहा हूं। मैं राजपक्षे परिवार का मित्र नहीं हूं, मैं जनता का मित्र हूं।

श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे नए राष्ट्रपति चुन लिए गए। उन्होंने त्रिकोणीय मुकाबले में जीत हासिल की। सांसदों ने मंगलवार को उम्मीदवारों के रूप में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे समेत तीन नामों का प्रस्ताव किया था। हालांकि इसके बावजूद भी कुछ प्रदर्शनकारी फिर उमड़ पड़े हैं और उनका विरोध हो रहा है। विरोध प्रदर्शन के बीच रानिल विक्रमसिंघे ने देशवासियों से कहा कि वह राजपक्षे परिवार के नहीं बल्कि जनता के मित्र हैं।


देश को फिर से एकजुट करने का दारोमदार
दरअसल, श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शासन की प्रणाली में बदलाव लाने का संकल्प जताया। हालांकि इससे पहले मई में उन्होंने प्रधानमंत्री पद भी संभाला था और अब विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उन पर इस नई भूमिका में देश की अर्थव्यवस्था को संभालने, आर्थिक उथल-पथल को दूर करने और एक बंटे हुए देश को फिर से एकजुट करने का सबसे बड़ा दारोमदार है।

राष्ट्रपति निर्वाचित होते ही मंदिर में दर्शन के लिए गए
पीटीआई ने एक रिपोर्ट में बताया कि विक्रमसिंघे 45 साल से संसद में हैं और उन्हें राजनीतिक हलकों में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्वीकार किया जाता है जो दूरदर्शी नीतियों से अर्थव्यवस्था का प्रबंधन कर सकता है। राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद विक्रमिसंघे बुधवार को कोलंबो के सबसे पुराने बौद्ध मंदिरों में से एक गंगाराम मंदिर भी गए थे।

लोग राजपक्षे सरकार का करीबी मानते हैं
गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर चले जाने और राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। वह संविधान के अनुसार संसद द्वारा निर्वाचित श्रीलंका के पहले राष्ट्रपति हैं। हालांकि विक्रमसिंघे की जीत से एक बार फिर स्थिति बिगड़ सकती है क्योंकि सरकार विरोधी कई प्रदर्शनकारी उन्हें पूर्ववर्ती राजपक्षे सरकार का करीबी मानते हैं। प्रदर्शनकारी देश के मौजूदा संकट के लिए राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार ठहराते हैं।

कहा कि मैं उनका विरोधी हूं, जनता का मित्र हूं
विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के तुरंत बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी जगह जगह एकत्रित हो गए थे। यह पूछे जाने पर कि विक्रमसिंघे राजपक्षे परिवार से अलग कैसे होंगे क्योंकि वह उनके पुराने मित्र हैं, नए राष्ट्रपति ने कहा कि मैं राजपक्षे परिवार का पुराना मित्र कैसे हूं, मैं उनका विरोध करता रहा हूं। मैं राजपक्षे परिवार का मित्र नहीं हूं, मैं जनता का मित्र हूं।


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