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पति ने कुल्हाड़ी से 40 बार वार करके पत्नी का हाथ काटा, अब सरकार को देना होगा 3 करोड़ हर्जाना

Neha Dani
18 Dec 2021 5:18 AM GMT
पति ने कुल्हाड़ी से 40 बार वार करके पत्नी का हाथ काटा, अब सरकार को देना होगा 3 करोड़ हर्जाना
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सरकार की निष्क्रियता के चलते प्रत्येक महिला गंभीर रूप से घायल हुई थी.

घरेलू हिंसा (Domestic Violence) की शिकार एक महिला को रूस (Russia) की सरकार मुआवजा देगी. इंटरनेशनल कोर्ट ने रूस से कहा है कि वो पीड़ित महिला को 3,70,000 यूरो यानी लगभग तीन करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान करे. दरअसल, महिला के जल्लाद पति ने कुल्हाड़ी से वार कर उसके दोनों हाथ काट दिए थे. बाद में ऑपरेशन से एक हाथ जुड़ गया, लेकिन दूसरे को जोड़ने में डॉक्टर सफल नहीं हुए. पति ने महिला पर कुल्हाड़ी से 40 वार किए थे. वो बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचा पाई थी.

इस वजह से Husband ने बोला हमला
'डेली स्टार' की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (European Court of Human Rights) ने रूस को आदेश दिया है कि वह 27 वर्षीय मार्गरीटा ग्रेच्योवा (Margarita Grachyova) सहित घरेलू हिंसा की शिकार ऐसी चार महिलाओं को मुआवजा दे, जिन्हें जटिल सर्जरी से गुजरना पड़ा था. दिसंबर 2017 में मार्गरीटा के पति दिमित्री ग्रेच्योव ने उन पर जानलेवा हमला किया था. जल्लाद पति ने मार्गरीटा पर कुल्हाड़ी से 40 वार किए थे और उनके दोनों हाथ काट दिए थे. दरअसल, पति को शक था कि उसकी पत्नी का दूसरे व्यक्ति से अफेयर चल रहा था, इसी के चलते वो वहशी बन गया.
Police ने नहीं दिया था शिकायत पर ध्यान
दिमित्री ग्रेच्योव को बाद में अदालत ने दोषी करार देते हुए 14 साल जेल की सजा सुनाई. पीड़िता ने पूर्व में पुलिस को बताया था कि उसका पति उसके साथ मारपीट करता है, लेकिन अधिकारियों ने अनसुना कर दिया. इंटरनेशनल कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रूस की सरकार को आदेश दिया है कि मार्गरीटा ग्रेच्योवा को मेडिकल खर्चे और मानसिक-शारीरिक आघात के लिए मुआवजे का भुगतान किया जाए. साथ ही कोर्ट ने अन्य चार महिलाओं को भी मुआवजा देने को कहा है.
Russia पहले कर चुका है इनकार
कोर्ट ने रूस से यह भी कहा है कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएं. बता दें कि पहले भी इस तरह के एक मामले में रूस ने पीड़िता को मुआवजा देने से इनकार कर दिया था. रूसी सरकार ने कहा था कि घरेलू हिंसा के लिए सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. वहीं, हिंसा की शिकार महिलाओं का केस लड़ रहीं वकील Mari Davtyan ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि सरकार की निष्क्रियता के चलते प्रत्येक महिला गंभीर रूप से घायल हुई थी.

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