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व्हाइट हाउस में बाइडेन प्रशासन की मेजबानी में भुखमरी, बाइडेन प्रशासन के इस सम्‍मेलन में भाग लेंगे कई दिग्‍गज

Neha Dani
30 Aug 2022 5:48 AM GMT
व्हाइट हाउस में बाइडेन प्रशासन की मेजबानी में भुखमरी, बाइडेन प्रशासन के इस सम्‍मेलन में भाग लेंगे कई दिग्‍गज
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इसके पीछे वजह मुख्‍यत: आर्थिक गतिविधियों में रोक और पैसों की कमी होने को बताया गया।

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन की तरफ से भूख, पोषण और सेहत पर एक व्‍हाइट हाउस कॉन्‍फ्रेंस (White House Conference) का आयोजन किया जाएगा। 28 सितंबर को आयोजित होने वाला यह सम्‍मेलन लगभग 50 सालों के दरमियान अपने तरह का पहला कॉन्‍फ्रेंस है। समाचार एजेंसी डीपीए ने यह जानकारी दी है।


व्‍हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन-पियरे (Karine Jean-Pierre) ने सोमवार को कहा, 'हम भूख, सेहत और पोषण पर आयोजित होने वाले इस सम्‍मेलन में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एक रणनीति की घोषणा करेंगे। इसमें इन क्षेत्रों में परिवर्तन लाने के लिए और इसे बढ़ावा देने के लिए निजी और सरकारी क्षेत्रों में सरकार के किए जाने वाले कार्यों की पहचान की जाएगी।'

अमेरिका पर गहराया इन बीमारियों का खतरा
आज के समय में लाखों की तादात में अमेरिकी खाद्य सुरक्षा और डायट से संबंधित बीमारियों से पीडि़त हैं जैसे कि दिल की बीमारी, मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज वगैरह। अमेरिका ने ये मौत और विकलांगता के कारण बन रहे हैं। स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक और किफायती खाने-पीने की चीजों तक लोगों की पहुंच ही नहीं है जो भूख को प्रभावित करने के कई कारकों में से है और इससे डायट संबंधी बीमारियां भी शरीर को घेर लेती हैं।

कोरोना से बिगड़े हालात
कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी ने इन चुनौतियों को और भी बढ़ा दिया है। इस सम्‍मेलन का लक्ष्‍य अमेरिका में 2030 तक भूखमरी और खाने-पीने से संबंधित बीमारियों को खत्‍म करने पर आधारित है। इसके तहत सभी दिग्‍गज नेताओं, जानकारों, कार्यकर्ताओं और हर श्रेणी के नागरिक को एक ही मंच पर लाया जाएगा।

मालूम हो कि साल 2020 में कोरोना के दस्‍तक देने के बाद पूरी दुनिया में तबाही मच गई थी। जो देश पहले से गरीब थे उनकी हालत और बिगड़ती जा रही थी और जिनकी अर्थव्‍यवस्‍था सामान्‍य थी वे भी पटरी से उतरते जा रहे थे। अमेरिका भी इन्‍हीं में से एक था।

यहां कोरोना संकट के समय में उभरे हालातों में बच्‍चों को पर्याप्‍त भोजन नहीं मिल पाया। इसके पीछे वजह मुख्‍यत: आर्थिक गतिविधियों में रोक और पैसों की कमी होने को बताया गया।

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